भीलवाड़ा/जयपुर। दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी मंगलवार को शाहपुरा भीलवाड़ा में थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मनाया जा रहा तीन साल का जश्न बेकार हो गया। सरकार जहां जहां कार्यक्रम कर रही है वहां कार्यकर्ता विरोध और बहिष्कार कर रहा है।
तिवाड़ी ने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों का भाजपा के सहयोगी संगठन भी विरोध कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि निजीकरण को लेकर मजदूर संघ, बिजली को लेकर किसान संघ, मंदिर व हिंगौनिया के मुद्दों पर संघ और विहिप सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर चुका है।
तिवाड़ी ने कहा कि दीनदयाल जी ने कहा था कि जिस दिन जनसंघ में भ्रष्टाचार आ जायेगा उस दिन जनसंघ को समाप्त कर दूंगा, हमारी मांग भी यही है कि राजस्थान में भ्रष्टाचार पर लगाम लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता किसी के भ्रष्टाचार के लिये राजतंत्र नहीं लाया है।
तिवाड़ी ने इस दौरान कहा कि हम पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र और पार्टी कार्यकर्ता के सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। तिवाड़ी ने मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को पार्टी के विचार को अनदेखा करने वाले गैर जिम्मेदार लोगों को हटाना चाहिए और इसके लिये विधायकों के बीच गुप्त मतदान किया जाना भी विकल्प हो सकता है।
वे शाहपुरा के डाक बंगला में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले ब्राह्मण समाज ने गौतम भवन शाहपुरा में तिवाड़ी का फरसा भेंट कर भव्य स्वागत किया। वहीं सिंधी समाज ने भी माला व साफा पहनाकर तिवाड़ी का स्वागत किया।
प्लूटोक्रेसी और पार्बोक्रेसी को समाप्त करने के लिए वाहिनी की स्थापना
तिवाड़ी ने कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र की स्थापना की गई थी। लोकतंत्र का मतलब उस तंत्र से है जिसमें पहले कार्यकर्ता अपनी पार्टी का प्रत्याशी चुने और फिर जनता उन चुने हुए प्रत्याशियों में से अपने नेता का चयन करें। इसके लिए पार्टी में आंतरिक चुनाव जरूरी है, परंतु आजकल हाईकमान जिसे कहेगा वो ही चुनाव लड़ता है।
उन्होंने देश की राजनीति में परिवारवाद का उदाहरण देते हुए कहा कि जयललिता, करूणानिधि, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, शरद पंवार, नवीन पटनायक, मायावती, मुलायम सिंह और यहां प्रदेश में भी मां बेटे पार्टी के मालिक बने बैठे हैं।
तिवाड़ी ने कहा कि जब अरविंद से आजादी के बाद पूछा गया कि लोकतंत्र भारत के लिये ठीक होगा या नहीं, तब उनका जवाब था कि यदि पार्टी पर कार्यकर्ताओं का नियंत्रण रहता है तो बढ़िया है।
नहीं तो यह प्लूटोक्रेसी में बदल सकता है और जब घूर्त और धनवानों का शासन लागू हो जाता है तो प्लूटोक्रेसी, पार्बोक्रेसी में तब्दील हो जाती है और तब जनता की बिल्कुल नहीं सुनी जाती। उन्होंने कहा कि इस तरह के शासन को समाप्त कर और पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की स्थापना करने के लिए ही दीनदयाल वाहिनी की स्थापना की गई।
आरक्षण की वर्तमान स्थिति समाज में नव दलित वर्ग को स्थापित करेगी
प्रदेश के वरिष्ठ नेता व सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि अगर आरक्षण की यही स्थिति रही तो समाज में नव दलित समाज का निर्माण हो जाएगा। जिसको रोकने के लिए आरक्षण का सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय होना जरुरी है।
तिवाड़ी ने कहा कि सामाजिक समरसता और आर्थिक न्याय के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वर्तमान आरक्षण को जारी रखते हुए 14 प्रतिशत आरक्षण वंचित वर्ग को भी दिया जाना चाहिए। इसके लिए मै पिछले 13 वर्षों से कार्यरत हूं। विधान सभा में यह विधेयक पारित भी हो चुका है, परन्तु नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया।
इसके लिए हम सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है। हमारा यह आंदोलन किसी भी ओबीसी, एसटी और एससी के आरक्षण के खिलाफ नहीं है। उन्होंने बताया कि वंचित वर्ग में शामिल ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ और वैश्य के गरीब बच्चों को इसका लाभ मिलना चाहिए।
तिवाड़ी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी श्रोताओं से इस आर्थिक न्याय और सामाजिक समरसता को स्थापित करने की लड़ाई में एक साथ खड़े होने का आह्वान भी किया। जिसका उपस्थित श्रोताओं ने तिवाड़ी के समर्थन में नारे लगाकर किया।
कॉरपोरेट जगत के पास एकत्र धन का विकेंद्रीकरण होना जरूरी
उन्होंने आर्थिक न्याय की बात करते हुए कहा कि भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है पर भारतीयों का नंबर 183वां है। उन्होंने आर्थिक विसंगता का उदाहरण देते हुए कहा कि 1 प्रतिशत भारतीयों के पास देश की 58 प्रतिशत संपदा जमा हो गई है। जब तक कॉरपोरेट जगत के पास इकट्ठे सारे धन का विकेंद्रीकरण नहीं होगा तब तक देश में उत्पन्न आर्थिक विषमता की स्थिति खत्म नहीं हो सकती।
तिवाड़ी ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था भारत के लिये पूंजीवादी व्यवस्था ठीक नहीं है। जब तक दूर दराज में बसी ढ़ाणी में रहने वाले व्यक्ति को भी उतनी सुविधा न मिले जितनी की दिल्ली में रहने वाले व्यक्ति को मिलती है, तब तक बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लाभ नहीं है।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में दुर्गाशंकर शर्मा पूर्व पंचायत समिति सदस्य, पंकज सुगंधि, दिवेंद्र शर्मा, अशोक भारद्वाज, अनिल शर्मा गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज अध्यक्ष भी शामिल हुए। वहीं डाक बंगला में हुए कार्यक्रम में कन्हैया लाल धाकड़, कैलाश काबरा पूर्व जिला महामंत्री, छोटू भील पूर्व प्रधान, लोकेंद्र शर्मा उपाध्यक्ष नगर मंडल भाजपा, आसाराम धाकड़ पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष, बंशी कुमावत पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष, भगवत सिंह पूर्व डेयरी अध्यक्ष, कमला काबरा चैयरमैन शाहपुरा, नरेंद्र जैन, गोपाल यादव युवा मोर्चा पूर्व अध्यक्ष भी मौजूद थे।