बेंगलुरू। सूचना प्रौद्योगिकी इंजीनियरों के लिए भेड़चाल को देखते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को कहा कि अनुसंधान एवं विकास आरएंडडी एक बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है और इसपर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
पर्रिकर ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का सबसे बड़ा योगदान युवा मनों पर भावनात्मक असर डालकर उनमें वैज्ञानिक स्वभाव का निर्माण करना है और यह किसी भी देश के लिए खासकर अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आजकल आईटी इंजीनियरों के लिए भेड़चाल है, फिर इंजीनियरों के लिए भेड़चाल है लेकिन बुनियादी विज्ञान पीछे छूट गया है।
उन्होंने कहा कि असल में बुनियादी विज्ञान के अनुसंधान ने संभवत प्रौद्योगिकी अनुसंधान की नींव रखी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि डॉ. कलाम ने शुद्ध विज्ञान, वैज्ञानिक अनुसंधान को लेकर युवा मनों में रुचि पैदा की और वैज्ञानिक स्वभाव का निर्माण किया। मुझे लगता है कि उनका सबसे बड़ा योगदान बतौर करियर विज्ञान, प्रौद्योगिकी पर विचार करने के लिए युवा पीढ़ी में रुचि जगाना, विज्ञान प्रौद्योगिकी को उस रूप में देखना है जिससे देश की संपदा में वृद्धि होगी।
पर्रिकर ने यहां ‘डेवलपिंग एंड सस्टेनिंग अ वाइब्रेंट आरएंडडी फोर इंडियन एयरोस्पेस एंड डिफेंस सेक्टर’ विषय पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियल स्मृति संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कहा कि कलाम ने युवा पीढ़ी को देश में ही रुकने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वे देश की शुद्ध राष्ट्रीय बुद्धिमता संपदा में योगदान दे सके।