नई दिल्ली। राजधानी के स्कूलों में लंबे समय से अस्थायी तौर पर बच्चों को पढ़ा रहे गेस्ट टीचरों को अब दिल्ली सरकार 1300 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से वेतन देगी।
इसके तहत सरकार प्राइमरी शिक्षक (पीआरटी) को 700 रुपए प्रतिदिन की जगह करीब 32 हजार, ट्रेड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) को 800 रुपए प्रतिदिन के स्थान पर करीब 33 हजार एवं पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) को 900 रुपए प्रतिदिन के स्थान पर करीब 34 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन देगी। हालांकि इस वेतन की गणना 1300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से की जाएगी।
इतना ही नहीं अब गेस्ट टीचरों को रविवार एवं अन्य अवकाश भी मिलेंगे जिसके लिए उनके वेतन में किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी। इससे 17 हजार गेस्ट टीचर्स को लाभ मिलेगा। हालांकि गेस्ट टीचरों को अभी दैनिक आधार पर वेतन मिलेगा लेकिन अब यह करीब 1300 रुपए होगा। जिसके आधार पर उनकी करीब सैलरी 32 से 34 हजार प्रतिमाह तक बनेगी।
इस संबंध में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने गेस्ट टीचरों की सैलरी बढ़ाने वाली फाइल को स्वीकृति दे दी है। सरकार जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी कर देगी। उन्होंने कहा कि हर हाल में गेस्ट टीचरों को मार्च से ही बढ़ी हुई सैलरी का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली कैबिनेट ने तो काफी पहले ही इस निर्णय को हरी झंडी दिखा दी थी लेकिन पूर्व एलजी नजीब जंग द्वारा मंजूरी न दिये जाने के चलते इसमें देरी हुई थी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से दिल्ली सरकार के अधीन काम करने वाले गेस्ट टीचर्स अब सम्मानित तरीके से जीवन यापन कर पाएंगे। क्योंकि जितनी सैलरी पहले गेस्ट टीचर्स को मिलती थी उसमें सम्मानजनक जीवन यापन करना मुश्किल था।
सिसोदिया ने अतिथि शिक्षकों को स्थायी करने के सवाल पर कहा कि दिल्ली सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने उम्मीद जताई की सैलरी में बढ़ोतरी होने से सरकार के पास भी स्थायी रूप से टैलेंटेड शिक्षक उपलब्ध होंगे। शिक्षामंत्री उन गेस्ट टीचर्स से भी निवेदन किया, जिन्होंने ने सी-टैट की परीक्षा अभी तक पास नहीं की है वह भी जल्द से जल्द पास कर लें तो सरकार उन्हें भी सरकारी स्कूलों में नियुक्त करेगी।
सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार क्वालिटी एजुकेशन पर काम कर रही है। इसके लिए सरकार ने अभी तक स्कूलों में 8 हजार कमरे बनाकर तैयार कर दिए हैं। इसी कड़ी में सरकार अब 2 हजार कमरे बनाने पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके लिए प्रपोजल तैयार कर लिया है। गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में मोहल्ला क्लीनिक बनाने के फैसले को भी मंजूरी दी थी।
सरकार के इस निर्णय पर खुशी जताते हुए शकूरपुर सरकारी स्कूल में पढाने वाले गेस्ट टीचर संजय जोशी ने कहा कि सरकार के इस फैसले से हमारी जिंदगी बदल गई है। हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है।
वहीं दिल्ली अतिथि शिक्षक कल्याण संघ के गेस्ट शिक्षक राकेश कुमार ने कहा कि हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है सरकार जल्द हमें स्थायी नियुक्ति भी देगी। इसके अलावा सरकार हमारी अन्य मांगों को भी पूरा करेगी।