नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सभी डॉक्टर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इस दौरान केवल अंति गंभीर मरीजों को ही देखा जाएगा। इसका कारण है कि एम्स प्रशासन ने नर्स की मौत मामले में पांच डॉक्टरों को निलंबित कर दिया था। इन डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया गया था।
सोमवार को रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा था कि एम्स प्रशासन के साथ उनकी बातचीत सकारात्मक रही और सस्पेंशन वापस हो गया है लेकिन एम्स ने आज इन बातों को नकार दिया। एम्स ने बयान जारी कर कहा कि डॉक्टरों का सस्पेंशन अभी जारी है।
एम्स की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव हरजीत सिंह ने बताया कि प्रशासन हम लोगों की बात को अनसुना कर रहा है। यह सारी कार्रवाई नर्सों के दबाव में की गई है। हम भी पीड़िता के साथ पूरी सहानुभूति रखते हैं लेकिन क्या उसकी भरपाई पांच लोगों के निलंबन से हो जाएगी।
उन्होंने कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या उसमें केवल दोषियों को ही सजा मिली है। जब तक इस पर कार्रवाई नहीं होगी यह हड़ताल जारी रहेगी। उनका कहना है कि निलंबन वापस हो और इस मामले की सही तरीके से जांच की जाए।
डॉक्टरों की मांग है कि पहले मामले की जांच की जाये। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एम्स में गर्भवती नर्सिंग कर्मचारी के प्रसव प्रक्रिया में लापरवाही बरतने का गंभीर मामला सामने आया था जिसमें पीड़ित राजबीर कौर की मौत हो गई थी।
इसके चलते एम्स में बीते रविवार नर्स एसोसिएशन ने धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद एम्स प्रशासन ने पांच डॉक्टरों को निलंबित कर दिया था।