नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने सोमवार को ‘इस वर्ष’ सम-विषम वाहन योजना में दोपहिया वाहनों और महिला चालकों को छूट देने की मांग के साथ ही राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के समक्ष पुनर्विचार याचिका दाखिल की।
दिल्ली सरकार ने शनिवार को एनजीटी द्वारा यह छूट नहीं दिए जाने पर पर इस परियोजना को टाल दिया था। दिल्ली सरकार के वकील तरुणवीर सिह खेहर ने मीडिया को यहां बताया कि हमने इस वर्ष महिला चालकों और दोपहिया वाहनों को छूट दिए जाने की मांग के साथ पुनर्विचार याचिका दाखिल की है।
एनजीटी ने शनिवार को सम-विषम परिवहन योजना की इजाजत दी थी, लेकिन इसमें किसी भी प्रकार की छूट देने से मना कर दिया था।
दिल्ली सरकार ने एनजीटी के इस फैसले के बाद शनिवार को कहा था कि वह दोबारा छूट देने के आग्रह के साथ एनजीटी में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी।
दिल्ली सरकार ने कहा था कि अगर दोपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया तो इससे 30 लाख यात्रियों का बोझ बढ़ेगा और इतनी आबादी के लिए सरकार के पास परिवहन तंत्र नहीं है। सरकार ने कहा था कि बसों को खरीदने की प्रक्रिया चल रही है।
एनजीटी के इस फैसले के बाद दिल्ली में 3500 नई बसों की जरूरत पड़ेगी। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अगले वर्ष हम पूरी तैयारी के साथ सम-विषम परियोजना को बिना छूट के ही लागू करने की स्थिति में होंगे।
दिन में इससे पहले एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने के बारे में पूछा था और शनिवार को दिल्ली सरकार की ओर से इस संबंध में दिए गए बयान पर आश्चर्य जताते हुए कहा था कि क्या ये बयान केवल मीडिया के लिए थे।
खेहर ने पुनर्विचार याचिका में देरी पर कहा कि कुछ पंजीकरण मुद्दे की वजह से इसमें देरी हुई।एनजीटी के अध्यक्ष न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार ने कहा कि न्यायाधिकरण इस मामले की सुनवाई मंगलवार को कर सकता है।