नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी मिशन दिल्ली फतह करने में जुट गई और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसका पूरा नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि शाह पिछले साल शुरू हुए भाजपा के विजय रथ को दिल्ली से बढ़ाकर बिहार पहुंचाना चाहते हैं और वह इसमें किसी प्रकार की चूक नहीं चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि शाह ने पार्टी नेताओं से दिल्ली फतह करने के लिए जमीनी स्तर पर एकजुट होकर काम करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल कहीं और चुनाव नहीं होने से भाजपा का पूरा ध्यान दिल्ली पर केन्द्रित है। वह चाहते हैं कि भाजपा का प्रचार इतना व्यापक स्तर पर चलाया जाएगा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की जोरदार जीत से 2014 के सिलसिले को आगे बढ़ाया जाए।
शाह ने हाल ही में दिल्ली प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा का सबसे बड़ा खतरा पार्टी कार्यकर्ताओं का आलस्य है और वह इसे त्याग दें तो दिल्ली में पार्टी को कोई हरा नहीं सकता है। भाजपा दिल्ली में पिछले 16 साल से सत्ता वापसी के लिए संघर्षरत है। भाजपा ने इस बार मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। पार्टी के मुख्य प्रचारक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी होंगे और दिल्ली के प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में उनकी रैली कराने की योजना पर विचार विमर्श हो रहा है।
शाह चुनाव प्रबंधन के माहिर माने जाते हैं और उन्होंने काफी पहले ही मिशन दिल्ली को लेकर अपनी रणनीति पर काम भी शुरू कर दिया था। उन्होंने एक-एक मतदाता के पास पार्टी कार्यकर्ता की पहुंच के लिए पन्ना प्रमुख का अभियान शुरू किया था और इसमें भाजपा ने काफी सफलता भी पाई है। शाह चाहते हैं कि पार्टी कार्यकर्ता एक .एक मतदाता और एक-एक घर तक पहुंचे और केन्द्र सरकार की उपलब्धियों से लोगों को अवगत कराए।
सूत्रों का कहना हैै कि शाह का पूरा जोर बूथ स्तर पर भाजपाको मजबूत करना है और वह इसके कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रहे हैं। दिल्ली चुनाव को ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार पहले ही अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने की घोषणा कर चुकी है। सीलिंग तोड़फोड़ कानून की अवधि को तीन साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री दिल्ली को 24 घंटे बिजली मुहैया कराने के साथ हरियाणा के साथ पानी विवाद को सुलझाने की घोषणा कर चुके हैं।
चुनाव में मोदी स्टार प्रचारक होंगे। कई केन्द्रीय मंत्रियों को भी चुनाव प्रचार में लगाया जाएगा। इनमें अरूण जेटली, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, वेकैंया नायडू के अलावा फिल्मी जगत से राजनीति में आए हेमा मालिनी, विनोद खन्ना, भोजपुरी गायक मनोज तिवारी के अलावा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी चुनाव सभाओं को संबोधित कर सकते हैं।
भाजपा सोशल मीडिया पर भी आक्रामक प्रचार करने में जुटी हुई है और इसके लिए एक आईटी सेल भी बनाया गया है। पार्टी का मंतव्य सोशल मीडिया के प्रत्येक माध्यम से अधिक से अधिक युवाओं तक अपनी पहुंच बनाना है। सूत्र बताते हैं कि शाह नवंबर13 में हुए चुनाव में भाजपा के हाथ में सत्ता आते-आते फिसल जाने को लेकर काफी सतर्क हैं और वह अपनी चुनावी रणनीति में हर वह चीज शामिल करना चाहते हैं जिससे दिल्ली में पार्टी की जीत सुनिश्चित की जा सके।
पिछले चुनाव में भाजपा का 15 साल बाद दिल्ली की सत्ता पर वापसी का सपना अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के उदय से अधूरा रह गया था। पार्टी अकाली दल के साथ 70 में से कुल 32 सीट जीत पाई और बहुमत से चार कदम दूर रह गई। इन चुनावों में भाजपा ने केजरीवाल को निशाने पर रखा है और रामलीला मैदान से शाह और मोदी दोनों ने पूर्व मुख्यमंत्री पर जमकर प्रहार किए।