नई दिल्ली। दिल्ली के विधायकों, मंत्रियों, मुख्य सचेतक, नेता विपक्ष, विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के वेतन एवं भत्तों में बढ़ोतरी करने वाला विधेयक गुरूवार को विधान सभा में सर्वसम्मति से पारित हो गया।
दिल्ली सरकार ने इस विधेयक में विधायकों का मासिक वेतन 12 हज़ार से बढ़ाकर 50 हज़ार करने का प्रस्ताव दिया था। विधान सभा की बैठक में हिस्सा लेने पर विधायकों को एक हजार की जगह रोजाना दो हज़ार का भत्ता देने की बात कही गई है ।
विधेयक में प्रतिवर्ष पांच हज़ार रुपये महीने की बढोतरी तथा यात्रा भत्ता छ: हजार रूपये की जगह 30 हज़ार रूपये होगा । इसके अलावा विधान सभा क्षेत्र में कार्यालय के किराए के लिए 25 हज़ार रुपये हर महीने मिलेंगे।
वहीं कार्यालय में फर्नीचर आदि के लिए विधायक के कार्यकाल में एक लाख रुपये एक बार मिलेंगे। इसके अलावा कार्यालय के लिए विभिन्न उपकरणों के नाम पर 60 हज़ार रुपये पूरे कार्यकाल में एक बार मिलेंगे ।
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार विधायकों को लैपटॉप, मोबाइल, प्रिंटर आदि के लिए एक लाख रुपये पूरे कार्यकाल में एक बार मिलेंगे । वहीं टेलीफोन बिल के लिए 8 हज़ार की जगह 10 हज़ार रुपये हर महीने मिलेंगे । सरकार ने विधायकों के भ्रमण के लिए भी 50 हज़ार की जगह तीन लाख रुपये का प्रावधान किया है।
इसके अलावा विधायक एक बार विदेश में भी घूम सकेंगे। सरकार ने विधायकों के कार्यलय में काम करने वाले स्टॉफ का भी पूरा ध्यान रखा है । इसके लिए 70 हज़ार रुपये की व्यवस्था की गई । इस राशि का इस्तेमाल प्रतिमाह कार्यालय स्टाफ के वेतन आदि देने में किया जाएगा ।
विधायकों के लिए गाडी खरीदने के लिए अब चार लाख की बजाय 12 लाख रुपये का लोन मिल सकेगा। साथ ही उनकी पेंशन 7500 की बजाय 15000 रुपये मासिक करने का प्रस्ताव था, जिसे मान लिया गया।
विधेयक पर चर्चा के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज विधेयकों का काम चुनौतीपूर्ण हो गया है। उन्हें दिनभर में जनता के लिए काफी काम करना होता है। अपना ज्यादातर समय विधानसभा क्षेत्र में बिताना पड़ता है। ऐसे में जायज है कि उनका खर्च भी ज्यादा बढ़ेगा। इसके अलावा विधायक अपने घर पर भी लोगों से मिलते हैं।
इस सभी में काफी पैसा खर्च होता है। साथ ही उन्हें आधुनिक तकनीक से भी रूबरू होना चाहिए। ऐसे में सरकार उन्हें दैनिक कामों में इस्तेमाल होने वाले उपकरण देना चाहती है। इसीलिए सरकार ने उनके वेतन एवं भत्तों में बढोतरी करने का विधेयक लायी है।
जानकारी हो कि है कि विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने ढाई महीने पहले विशेषज्ञों की समिति बनाकर वेतन एवं भत्ते बढ़ाने पर सलाह मांगी थी । इस समिति ने विधायकों की तनख्वाह 84 हजार से बढ़ाकर करीब ढाई लाख रुपए करने का प्रस्ताव दिया था।