नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बर्खास्त मंत्री द्वारा लगाए गए रिश्वत के आरोपों के बीच दिल्ली विधानसभा का दिनभर का सत्र मंगलवार को आप के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर हमले का गवाह बना और रिश्वत के आरोपों पर कोई चर्चा नहीं की गई।
उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री कपिल मिश्रा द्वारा लगाए गए आरोपों पर चुप्पी तोड़ेंगे, लेकिन उन्होंने विधानसभा में कुछ नहीं कहा। लेकिन बाद में विधानसभा के बाहर केजरीवाल ने मीडिया से कहा कि यदि निर्वाचन आयोग उनको ईवीएम मशीन देता है तो 90 सेकेंड में मदरबोर्ड को बदलकर दिखा देंगे कि छेड़छाड़ कैसे की जा सकती है।
आप के प्रतिद्वंद्वियों ने इस सत्र को ध्यान भटकाने की रणनीति करार दिया। विधानसभा ने एक प्रस्ताव पास किया और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी चुनाव वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) वाले ईवीएम मशीनों से कराए जाएं।
इस प्रस्ताव में बिना क्रम के चुने बूथों पर वीवीपैट के मशीनों से मिली पर्ची के 25 फीसदी मतदान को मिलाने के लिए भी कहा गया।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया चर्चा के अंत में अपनी बात रखी, लेकिन वह भी सिर्फ ईवीएम पर हमला करते रहे।
सिसोदिया ने ईवीएम हैंकिंग को संभव बताते हुए कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ को लोकतंत्र की हत्या की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को सिर्फ तकनीकी गड़बड़ी बताकर टाला नहीं जा सकता है।
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सत्र की शुरुआत काफी हंगामेदार रही, जब विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा सत्र में केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को उठाया और सत्र में व्यवधान डालने की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें मार्शलों द्वारा विधानसभा से उठाकर बाहर कर दिया गया।
भारतीय जनता पार्टी विधायक ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े हुए 1000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए एक स्थगन प्रस्ताव रखा और उस पर चर्चा की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने इसकी अनुमति नहीं दी।
बार-बार आग्रह और चेतावनी के बावजूद गुप्ता ने अपनी मांग जारी रखी, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और बाहर निकालने का आदेश दिया गया। उन्होंने सरकार, केजरीवाल और जैन पर कई आरोप लगाए।
दिल्ली विधानसभा में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के विधायक व पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर सौरभ भारद्वाज ने तकनीकी तरीके बताकर दिखाया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ कर कैसे नतीजों में हेरफेर किया जा सकता है।
उन्होंने विधानसभा में कहा कि मैं आपको दिखाऊंगा कि जिस मशीन पर लोकतंत्र का विश्वास है, उससे कैसे छेड़छाड़ की जा सकती है। मेरे जैसा एक सामान्य इंजीनियर सिर्फ 10-15 दिनों की मेहनत के बाद जान पाया कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है और ऐसा कर यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि वोट सिर्फ इच्छित पार्टी या उम्मीदवार को जाए। चाहे किसी भी बटन को दबाएं तो एक ही पार्टी को वोट जाए।
मार्शलों द्वारा विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता को सदन से बाहर कर दिए जाने के बाद विधानसभा में मात्र एक भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा बच गए।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ की वजह से ही सिरसा राजौरी गार्डन सीट पर हुआ उपचुनाव जीतकर आए हैं। इस पर सिरसा ने कड़ी आपत्ति जताई।
विधानसभा के बाहर केजरीवाल ने निर्वाचन आयोग को ईवीएम देने को कहा और उससे छेड़छाड़ की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि 90 सेकेंड में मदरबोर्ड बदलकर वह दिखा देंगे कि वोटिंग मशीनों के जरिए हेरफेर कैसे होता है।
हालांकि केजरीवाल कपिल मिश्रा द्वारा लगाए गए रिश्वत के आरोपों से बचते रहे। इस बीच, भाजपा ने ईवीएम प्रदर्शन को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए किया गया नाटक करार दिया।
भाजपा ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि विधानसभा में आप के विधायक लोकतंत्र का मजाक उड़ा रहे हैं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान हटाने के लिए एक और नाटक।
आप विधायकों पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में आप विधायकों की हताशा दिख रही थी। भ्रष्टाचार के लिए लोगों से माफी मांगने के बजाय उन्हीं बहानों का सहारा लिया जा रहा है।
भाजपा ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जवाब देने के बजाय केजरीवाल चुप्पी साधे हुए हैं। दूसरी तरफ, निर्वाचन आयोग ने ईवीएम से छेड़छाड़ के आप के दावे को खारिज किया। आयोग ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में प्रदर्शित करने के लिए इस्तेमाल की गई मशीन ईवीएम की एक ‘प्रोटोटाइप’ थी।
कपिल मिश्रा ने विधानसभा के बाहर आरोप लगाया कि ईवीएम का प्रदर्शन लोगों का वास्तिक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए आप सरकार द्वारा अपनाई गई सिर्फ एक रणनीति है।
उन्होंने कहा, लोग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब वोट नहीं देना चाहते और वे सिर्फ इस तथ्य को छिपा रहे हैं।
भाजपा नेता और पूर्व महापौर अन्नपूर्णा मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा ने मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बाद रविवार को कहा था कि उन्होंने केजरीवाल को सत्येंद्र जैन से दो करोड़ रुपये लेते हुए देखा है। लेकिन आप ने इस आरोप को झूठा करार दिया और सवाल उठाया कि मिश्रा ने नोटों को गिना था क्या?