नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी पर नियमित पांच सवाल दागने वाली दिल्ली भाजपा ने एक बार फिर से केजरीवाल से पांच सवालों का जवाब मांगा है।
पार्टी ने आप विधायकों के दस्तावेजों की जांच आंतरिक लोकपाल से कराये जाने के दावे पर भी सवाल उठाया है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्या ने केजरीवाल से पूछा है कि अगर आप के आंतरिक लोकपाल ने सभी विधायकों की जांच की थी तो फिर तोमर की फर्जी डिग्री और मनोज कुमार की धोखाधड़ी, जांच में कैसे बच निकली?
दूसरा, क्या आप ने जानकारी में आने के बाद मनोज कुमार के मामले की आंतरिक लोकपाल से कोई जांच करवाई क्योंकि मनोज के वकील और आप के सहयोगी नेता एच एस फुलका ने साफ कहा है कि मनोज लम्बे समय से पुलिस जांच में सहयोग कर रहा था ?
उन्होंने तीसरे प्रश्न पूछा कि क्या आप ने जितेन्द्र सिंह तोमर और मनोज कुमार को विधानसभा से इस्तीफा देने को कहा है क्योंकि आप ने तो कहा था कि अगर किसी भी विधायक के खिलाफ कोई मामला सामने आयेगा तो हम उसको हटा देंगे?
चौथा, क्या आप अब अपने विधायकों की अराजकता, फर्जीवाड़ों और भ्रष्टाचार की जांच आप के आंतरिक लोकपाल से करा कर उन पर स्वतः कोई कार्रवाई करेंगे ?
पांचवां, क्या आप दिल्ली पुलिस को विधायकों अखिलेश त्रिपाठी और संजीव झा जिन्होंने अराजकता शुरू की थी और प्रोमिला टोकस जिन पर एक अनुसूचित जाति महिला से मारपीट आदि का मुकदमा दर्ज है उनकी गिरफ्तारी के लिए लिखेंगे ?
उपाध्याय ने कहा कि खुद को पार्टी विथ ए डिफरेंस बता-बता कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी वाकई ही पार्टी विथ ए डिफरेंस साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि विधायक मनोज कुमार को 2012 के धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
आश्चर्य का विषय है कि आंतरिक लोकपाल को यह मामला नहीं दिखा। उन्होंने आरोप लगाया कि आप नेतृत्व को 2013 से ही पता था कि मनोज धोखाधड़ी मामले में लिप्त था फिर भी उसे टिकट दिया गया।