नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के मनिंदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल कर ली, वहीं आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाया।
निर्वाचन आयोग के अनुसार सिरसा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की मीनाक्षी चंदेला को करीब 14,652 वोटों के अंतर से हरा दिया और दिल्ली में सत्तारूढ़ आप उम्मीदवार को तीसरे स्थान पर धकेल दिया।
अंतिम 17वें चरण की मतगणना के बाद निर्वाचन आयोग ने सिरसा को 40,602 मत, चंदेला को 25,950 मत तथा आप के हरजीत सिंह को 10,243 मत मिलने की घोषणा की। बीते नौ अप्रैल को हुए मतदान में कुल 78,091 लोगों ने मतदान किया था। लगभग 1,300 मत अन्य उम्मीदवारों के खाते में गए।
आप का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि उसके उम्मीदवार हरजीत सिंह अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। जमानत बचाने के लिए हरजीत को मतदान में पड़े कुल मतों का छठा हिस्सा हासिल करना था।
आप नेता जरनैल सिंह के पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हुई थी। सिरसा इस सीट से साल 2013 में भी चुनाव जीते थे, लेकिन साल 2015 में हुए चुनाव में जरनैल सिंह से पराजित हो गए थे। उल्लेखनीय है कि आप ने साल 2015 में दिल्ली की 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
उपचुनाव में जीत से उत्साहित भाजपा ने कहा कि आप को हराकर लोगों ने उसे एक उपयुक्त तोहफा दिया है और वह खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है।
भाजपा की जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि लोगों का आप तथा उसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से भरोसा उठ गया है।
पात्रा ने कहा कि इससे पहले वह पंजाब तथा गोवा विधानसभा चुनाव हारे और आज राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव का नतीजा आप के ताबूत की अंतिम कील की तरह है।
उन्होंने यह भी ट्वीट किया कि आप तथा केजरीवाल की न केवल जमानत जब्त हो गई, बल्कि उन्होंने अपना भरोसा भी खो दिया। पात्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के कल्याण के बारे में कभी नहीं सोचा।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली के लोगों को नजरअंदाज कर केजरीवाल पंजाब तथा गोवा विधानसभा का चुनाव लड़ने गए। अब दिल्ली की जनता ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया है।
आप के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आप के विधायक जरनैल सिंह द्वारा पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा देने से राजौरी गार्डन के लोग नाराज थे, जिसके कारण पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा।
सिसोदिया ने अपने आधिकारिक आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा कि जरनैल सिंह के इस्तीफे के बाद से ही राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्र के लोग नाराज थे, हमने उन्हें समझाने का प्रयास किया था, लेकिन ऐसा लगता है कि वे अभी भी आप से नाराज हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि यह बस उपचुनाव था और आने वाले चुनाव की हम तैयारी जारी रखेंगे।
रविवार को राजौरी गार्डन उपचुनाव में मात्र 47 फीसदी मतदान हुआ था। साल 2015 में जब आप सत्ता में आई थी, तब इस विधानसभा क्षेत्र में 72 फीसदी मतदान हुआ था।
सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटिज के राजनीतिक विशेषज्ञ प्रवीण राय ने इस हार को आप के लिए ‘गहरा आघात’ करार दिया और कहा कि यह वक्त पार्टी के लिए आत्ममंथन करने का है।
राय ने कहा कि उपचुनाव में हार आप की घटती लोकप्रियता का संकेत है। इस नतीजे का दिल्ली नगर निगम चुनाव पर निश्चित तौर पर प्रभाव पड़ेगा। अगर आप एमसीडी का चुनाव हार जाती है, तो उसकी कहानी का अंत हो जाएगा।
वहीं, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने राजौरी गार्डन उपचुनाव के नतीजे को दिल्ली में केजरीवाल सरकार के लिए जनमत संग्रह करार दिया।
माकन ने कहा कि आप को मिलने वाले मतों का प्रतिशत पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में चार गुना नीचे लुढ़का है, जबकि कांग्रेस का तीन गुना बढ़ा है। उन्होंने कहा कि हमें मिला मत फीसदी मात्र दो वर्ष में 12 से बढ़कर 36 फीसदी पर पहुंच गया।