नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया। जबकि देश भर के लगभग सभी मुख्यमंत्री योग दिवस में शामिल हुए।
मामला तूल न पकड़े, इसलिए मुख्यमंत्री कार्यालय ने सफाई देते हुए कहा कि बीते साल पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में उन्हें औपचारिक तौर पर आमंत्रित किया गया था लेकिन इस बार उन्हें बुलाया नहीं गया इसलिए प्रोटोकॉल का ख्याल रखते हुए उन्होंने हिस्सा नहीं लिया। वहीं मनीष सिसोदिया ने योग दिवस के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।
सिसोदिया ने योग दिवस पर कहा कि योग की अंतराष्ट्रीय प्रतिष्ठा हम सबके लिए गर्व का विषय है, लेकिन ध्यान रहे कि योग सिर्फ सड़क या पार्क में बैठकर की जाने वाली पीटी एक्सरसाइज नहीं है। योग पर गर्व करने का अधिकार हमें तभी होगा जब हम देश को जोड़ने वाले बनें।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि योग का मतलब जोड़ना होता है, तोड़ना नहीं, देश को हिंदू मुसलमान में, अलग जातियों में तोड़ने की कोशिश करने वाले लोग, योगी नहीं हो सकते। जहां दुनिया योग अनुसंधानों पर हमारी तारीफ करती है, वहीं समाज को तोड़ने की राजनीति और उस राजनीति को करने वालों का मजाक भी उड़ाती है।
इतना ही सिसोदिया ने कहा कि प्रधानमंत्री को भी योग दिवस पर बधाई. उनके प्रयास से भी योग को ख्याति मिली है, पर राज्यों में चुनी हुई सरकारों को तोड़ने में कैसा योग? इसके साथ ही उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव की ओर भी संकेत किया।
सिसोदिया ने ट्वीट किया कि मंगलवार जिस पंजाब के लोगों के बीच आप योग कर रहे हैं, उसी पंजाब को नशे ने तोड़कर रख दिया है, और ये कौन कर रहा है, आप सबको जानते हैं। पंजाब सरकार में आपके साथी नशे का कारोबार चलाकर समाज की कमर तोड़ रहे है, वहीं आप योग की बात कर रहे हैं, ऐसे योग का क्या फायदा।