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मंजीत सिंह के पिता की हत्या, दिल्ली में खूनी गैंगवार के फैलने के आसार

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मंजीत सिंह के पिता की हत्या, दिल्ली में खूनी गैंगवार के फैलने के आसार
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नई दिल्ली। पूर्व एमएलए भरत सिंह मर्डर केस में कुख्यात गैंगस्टर मंजीत सिंह उर्फ महल इन दिनों तिहाड़ जेल में बंद है। पिछले साल दिसंबर में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने मंजीत को गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का इनाम रखा हुआ था।

इसलिए पुलिस को शक है कि मंजीत के पिता श्रीकृष्ण की हत्या में विरोधी गैंग में से एक कृष्ण पहलवान के गैंग का हाथ हो सकता है। मंजीत के पिता की रविवार सुबह हत्या से इस इलाके में खूनी गैंगवार के फैलने का खतरा हो गया है।

मंजीत महल के दुश्मनों की फेहरिस्त लंबी है, मगर कृष्ण पहलवान का नाम सबसे ऊपर उभर कर आ रहा है। अगस्त 1971 में जन्मा मंजीत मूल रुप से मित्राऊं कलां का रहने वाला है। वह पिछले दो दशकों से चली आ रही दिल्ली एनसीआर की सबसे खूनी गैंगवार का कुख्यात चेहरा रहा है।

पूर्व पार्षद कृष्ण पहलवान का जानी दुश्मन बलराज गैंग का शुरू में सबसे भरोसेमंद शार्पशूटर रहा। मगर बलराज की हत्या के बाद मंजीत महल ने पूरे गैंग की कमान संभाल ली थी। गैंगस्टर मंजीत ने अपराध की दुनिया में सबसे पहले 1992 में कदम रखा। उसके बाद संगीन अपराधों की लिस्ट बढ़ती चली गई और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

मंजीत महल शुरुआत में ही बलराज अ‍ैर सतीश गैंग में शामिल हो गया था। बलराज उसकी पैसे और हथियारों से मदद करता था। कुछ ही दिनों में वह बलराज का सबसे भरोसेमंद साथी बन गया। बलराज की मौत के बाद वह गैंग का मुखिया बन गया था। दिल्ली एनसीआर में उसके खिलाफ 20 से ज्यादा संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गैंगस्टर मंजीत की किशन पहलवान गैंग से दुश्मनी थी। दोनों तरफ से चली आ रही खूनी गैंगवार का नतीजा ही था कि किशन के भाई भरत सिंह उर्फ भरते की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

29 मार्च 2015 को एमएलए रहे भरत पर उस समय गैंगस्टर मंजीत ने अपने दूसरे साथियों के साथ मिलकर हमला किया, जब वह नजफगढ़ अनाज मंडी के पास स्थित अभिनंदन वाटिका में कुआं पूजन समारोह में शामिल होने गए थे। मंजीत ने 21 दिसम्बर 2015 को सूरजभान और सुनील उर्फ डॉक्टर पर जानलेवा हमला किया था।

इस हमले में सूरजभान तो बच गया था, लेकिन सुनील को कई गोलियां लगने से उसकी मौत हो गई थी। हमले के समय सुनील सूरजभान के ऑफिस में बैठा हुआ था। 25 अक्टूबर 2013 को हुए धीरपाल मर्डर केस में भी मंजीत शामिल रहा है।

इस केस में उसकी गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन बाद में जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया था। बेल जंप के दौरान ही उसने दो मर्डर केस को अंजाम दिया।