नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने पालम गांव में डॉक्टर की हत्या की गुत्थी को सुलझाने का दावा किया है। स्पेशल स्टाफ ने मुख्य षड्यंत्रकारी सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने हत्या का कारण प्रेम त्रिकोण में ईर्ष्या को बताया है।
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र कुमार ने बुधवार को बताया कि मुख्य साजिशकर्ता हरिओम शर्मा ने 61 वर्षीय डॉक्टर बलवान सिंह रामावत की हत्या के लिए जिन्हें हत्या की सुपारी दी थी, वह इनका पहला केस था। गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान हो गई है।
इनमें 32 वर्षीय हरिओम शर्मा महावीर एंक्लेव निवासी है। वह पेशे से प्रोपर्टी डीलर है। 32 वर्षीय विक्रांत पंजाबी बाग का रहने वाला है। 30 वर्षीय अंगद भाटी माइंस में रहता है और पानी का टैंकर चलाता है। 20 वर्षीय सोनू उत्तर प्रदेश के मैनपुरी का रहने वाला है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त बाइक भी बरामद कर ली है।
पालम गांव में 13 मई को रात के समय अज्ञात लोगों ने रामावत क्लिनिक में घुसकर डॉक्टर बलवान की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच में पता चला कि मृतक डॉक्टर के 42 वर्षीय एक महिला से नजदीकी संबंध थे।
पुलिस को उक्त महिला के मोबाइल की सीडीआर जांच से पता चला कि उसके डॉक्टर के अलावा हरिओम शर्मा नाम के एक अन्य व्यक्ति से भी नजदीकी संबंध थे। हरिओम ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वर्ष 2007 से उसके महिला से संबंध थे।
हरिओम के महिला के साथ संबंध के चलते उसकी दो पत्नियां घर छोडकर चली गई थीं। हालांकि बाद में वित्तीय मुद्दों के कारण दोनों के संबंधों में दरार आ गई और महिला ने डॉक्टर बलवान सिंह रामावत से दोस्ती कर ली। इससे हरिओम काफी दुखी हो गया और ईर्ष्या में उसने डॉक्टर को रास्ते से हटाने की साजिश रची।
उसने इस काम में अपने पुराने मित्र विक्रांत की मदद ली और उसे दो लाख रूपये की सुपारी दे दी। विक्रांत ने 87 हजार एडवांस लेने के बाद अंगद और सोनू नाम के दो अन्य लोगों को योजना में शामिल कर लिया।
सोनू ने हत्या को अंजाम देने के लिए देसी कट्टा और मोटरसाइकिल का इंतजाम किया। योजना के अनुसार अंगद और सोनू मोटरसाइकिल पर सवार होकर डॉक्टर के क्लिनिक के बाहर पहुंचे और अंगद ने भीतर घुसकर डॉक्टर को गोली मार दी।