नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म के दोषी नाबालिग की रिहाई से पीडिता के माता-पिता के साथ ही उन सैकडों लोगों को धक्का लगा जो निर्भया को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रदर्शनकारी नाबालिग को फांसी दिए जाने को लेकर नारेबाजी कर रहे थे, जबकि दोषी को रविवार को ही रिहा कर दिया गया।
फैसले से आहत ये लोग इंडिया गेट पर धरना पर बैठ गए, लेकिन पुलिस ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी और जबरन गाडियों में भरकर ले गई। निर्भया की मां को हिरासत में लेकर उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर थाने लाया गया। पुलिस ने उनके साथ कथित तौर पर बदसलूकी की और उनके हाथ में चोट भी आई है।
राजपथ पर धरने पर बैठी निर्भया की मां आशा देवी ने नाबालिग अपराधी की रिहाई पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि सरकार ने ऐसे दोषी को छोड दिया है तो फिर दिल्ली महिलाओं के लिए सुरक्षित कैसे होगी।
उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार महिलाओं के साथ इससे भी गंभीर घटना के बाद कोई कदम उठाएगी। निर्भया के माता-पिता ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए समय मांगा है।
उन्होंने कहा कि इस रिहाई से सरकार का खोखलापन सामने आ गया है। एक आतंकी के लिए रात में सुनवाई हो सकती है लेकिन निर्भया के लिए नहीं।
उन्होंने कहा कि हमारी बेटी देश की बेटी है और उसे इंसाफ मिलना चाहिए। इसके बाद निर्भया की मां पत्रकारों से बातचीत के दौरान रोने लगीं।
निर्भया के माता-पिता ने आरोप लगाया कि उन्हें सरकार से बहुत उम्मीद थी लेकिन अब तो आलम ये है कि उन्हें विरोध प्रदर्शन तक करने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि जंतर-मंतर पर विरोध करने से रोका गया। उसके बाद इंडिया गेट जाने से भी रोका गया।
असल में निर्भया के माता-पिता का शाम चार बजे से इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने का कार्यक्रम तय था लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों से इसकी इजाजत नहीं दी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि संसद के शीतकालीन सत्र के कारण इंडिया गेट के आसपास धारा 144 लागू है।
इसके बावजूद सैकड़ों लोग शाम को इंडिया गेट पर पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके दोषी की रिहाई का विरोध जताया लेकिन पुलिस ने यहां पहुंचकर प्रदर्शन करने से रोका और सभी को बसों में भरकर ले गई। पुलिस ने एहतियातन इंडिया गेट और आसपास के इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी है।