नई दिल्ली। देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के मामले में दिल्ली सरकार द्वारा गठित मजिस्ट्रेट जांच कर रहे एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
रिपोर्ट में कन्हैया कुमार को क्लीन चिट देते हुए कहा गया है कि गत 9 फरवरी को जेएनयू परिसर पर लगे नारेबाजी में कन्हैया कुमार शामिल नहीं था।
एसडीएम ने दिल्ली सरकार को दी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि छात्रों के एक समूह द्वारा कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने में कन्हैया शामिल नहीं था।
जानकारी हो कि वाम पार्टियों सहित जेएनयू सांसदों ने घटना के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मुलाकात कर मामले की जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच कराने की मांग की थी। उसके बाद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के एसडीएम से मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराने का आदेश दिया था।
कन्हैया की जगह जेएनयू डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन (डीएसयू) के सदस्य उमर खालिद को उस सम्मेलन का मुख्य आयोजनकर्ता मानने हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि उमर इससे पहले भी इस तरह के कई आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में कर चुका है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उमर एवं उसके कश्मीरी सहयोगियों ने देशद्रोही नारेबाजी विश्वविद्यालय परिसर में की थी। इससे पहले गत बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में आरोपी कन्हैया कुमार को छह माह की अंतरिम जमानत दे दी है।