नई दिल्ली। राजधानी में मजदूरों का न्यूनतम वेतन बढ़ाने के मामले पर आप सरकार को झटका लगा है। तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा गठित वेज कमेटी ने दिल्ली सरकार की न्यूनतम वेतन 14,050 करने की सिफारिश को दरकिनार करते हुए न्यूनतम वेतन में 700 रुपए की कटौती की है। जिसके बाद न्यूनतम वेतन 13,350 रुपए होगा।
जबकि इससे पहले दिल्ली में इस श्रेणी के तहत अकुशल मजूदरों को 9724 रुपए मिलते थे। इस संबंध में सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों की जिंदगी को बेहतर करने के लिए कटिबद्ध है।
दिल्ली कैबिनेट ने न्यूनतम वेतन बढ़ाने का निर्णय लिया था। लेकिन तत्कालीन एलजी ने कमेटी के गठन के लिए प्रायर अप्रूवल नहीं लिए जाने की बात कहकर कमेटी भंग कर दी। इसके बाद गठित नई वेज कमेटी ने मॉर्केट का सर्वे करके सात दौर की मीटिंग की और कमेटी ने न्यूनतम वेतन के संबंध में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी।
दिल्ली कैबिनेट ने शनिवार को कमेटी की सिफारिशों को पास कर दिया। अब इस फाइल को सोमवार को एलजी के पास जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में स्वयं वे भी एलजी से मिलने जाएंगे और उम्मीद करते हैं कि एलजी भी जल्द इसे अपनी स्वीकृति दे देंगे।
सीएम ने कहा कि वेज कमेटी ने अकुशल मजदूरों के लिए 13,350 न्यूनतम वेज तय किया है। जबकि सरकार ने इस श्रेणी के लिए 14,050 रुपए की सिफारिश की थी। इससे पहले इस श्रेणी के मजदूरों को 9724 रुपए मिलते थे। वहीं अर्धकुशल मजदूरों के लिए 14,698 रुपए तय किए गए हैं।
सरकार ने इस श्रेणी के लिए 15,471 रुपए की सिफारिश की थी। पहले इस श्रेणी में 10,764 रुपये मिलते थे। जबकि कुशल श्रेणी के मजदूरों के लिए वेज कमेटी ने 16,182 रुपए न्यूनतम वेतन तय किया है। कैबिनेट ने इसके लिए 17,033 रुपए तय किए थे। अभी तक इस श्रेणी के मजदूरों को 11,830 रुपए न्यूनतम वेतन मिल रहा था।
यह न्यूनतम वेतन में 36 से 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। लेकिन अभी का न्यूनतम वेज अगस्त वाले न्यूनतम वेज से 600 से 700 रुपए कम है। क्योंकि उस समय वेज केमटी के सर्वे में फूड प्राइस अभी के मुकाबले ज्यादा पाए गए थे।
एक सवाल के जवाब में सीएम केजरीवाल ने कहा कि सरकार के पास न्यूनतम वेतन को रिवाइज करने का अधिकार है लेकिन सरकार कोर्ट-कचहरी के चक्कर में नहीं पड़ना चाहती है। चूंकि पहले ही इस मामले में काफी देर हो चुकी है, इसीलिए हम गरीब मजदूरों को जल्द से जल्द न्यूनतम वेतन दिलाने चाहते हैं।
वेज कमेटी द्वारा विभिन्न श्रेणियों के लिए तय किए गए न्यनूतम वेतन के क्राइटेरिया की जानकारी देते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्री गोपाल राय ने कहा कि कमेटी में कुल 15 सदस्य शामिल थे। जिनमें पांच सदस्य नियोक्ता समूह,पांच सदस्य ट्रेड यूनियन एवं पांच सदस्य सरकार की ओर से थे। सरकार ने वैज्ञानिक आधार पर उक्त तीन श्रेणियों के लिए न्यूनतम वेतन तय किया था।
इससे पहले सभी राज्यों में न्यूनतम वेतन तय करने के लिए भोजन, मकान एवं कपड़ा संबंधी जरूरतों को पैमाना माना जाता था। लेकिन दिल्ली सरकार ने अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन एवं सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर न्यूनतम वेतन तय किया है।
जिसके तहत पहली बार दिल्ली सरकार के निर्देशों पर वेज कमेटी ने भोजन,मकान एवं कपड़े के साथ इसमें शिक्षा,लाइट एवं फ्यूल को भी जोड़ा है। उन्होंने कहा कि यदि पूरे देश में न्यूनतम वेज तय करते समय दिल्ली सरकार के इस पांच सूत्रीय फार्मूले को लागू किया गया तो मजदूरों एवं गरीबों का भला होगा।