नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि यदि 449 निजी स्कूलों ने छात्रों से लिया गए अतिरिक्त शुल्क नहीं लौटाया तो सरकार इन स्कूलों को अपने अधिकार में ले लेगी।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि बहुत से स्कूलों ने छठे वेतन आयोग के क्रियान्वयन के नाम पर अपना शुल्क बढ़ा दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुद्दे पर विचार के लिए एक समिति नियुक्त कर दी।
केजरीवाल ने कहा कि समिति ने स्कूलों से अतिरिक्त शुल्क वापस लौटाने को कहा, लेकिन बहुत से स्कूलों ने ऐसा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि उनके शुल्क नहीं लौटाए जाने पर अदालत ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या किया जा रहा है। हमने कहा है कि हम रिपोर्ट का क्रियान्वयन करेंगे और यदि जरूरत हुई तो हम स्कूलों का अधिग्रहण करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम निजी स्कूलों के खिलाफ नहीं हैं। हम इन 449 स्कूलों से अपील कर रहे हैं कि समिति की सिफारिशों का क्रियान्वयन करें और अतिरिक्त शुल्क को लौटाएं। उन्होंने कहा कि हम निजी स्कूलों की डकैती पर चुप नहीं रहेंगे।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि समिति ने 1,108 निजी स्कूलों की जांच की और पाया कि 544 स्कूलों ने छठें वेतन आयोग के क्रियान्वयन के नाम पर फीस बढ़ा दी।
उन्होंने कहा कि बहुत से स्कूलों ने अतिरिक्त लिए गए शुल्क को लौटा दिया। 449 स्कूलों को और कारण बताओ नोटिस दिया गया है, जिन्होंने अभी भी शुल्क नहीं लौटाया है।
उन्होंने कहा कि इनमें से बहुत से अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा दे रहे हैं और हम उनका अधिग्रहण नहीं करना चाहते। हमारा आग्रह है कि वे अतिरिक्त शुल्क वापस करें।
लेकिन, सिसोदिया ने चेताया कि यदि वे समिति की रिपोर्ट का पालन नहीं करते तो सरकार स्कूलों का अधिग्रहण करने को बाध्य हो जाएगी।
केजरीवाल ने उम्मीद जताई कि स्कूल नियमों का पालन करेंगे और उन्हें स्कूलों का अधिग्रहण करने को बाध्य नहीं होना पड़ेगा।