नई दिल्ली। आयोजकों के मेडिकल आपातकाल की स्थिति से निपटने के आश्वासन के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को 19 नवंबर को होने वाली एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन के आयोजन को हरी झंड़ी दे दी है।
न्यायाधीश रवींद्र भट्ट और न्यायाधीश संजीव सचदेवा की डिविजन बेंच को आयोजकों ने बताया कि जो खिलाड़ी दिल्ली की हवा की खराब गुणवत्ता को लेकर मैराथन में हिस्सा नहीं लेना चाहते, उनके लिए उन्होंने रिफंड पॉलिसी का प्रावधान रखा है।
आयोजकों ने अदालत को बताया कि उन्होंने दो स्वास्थय शिविर, 100 नर्स और 75 चिकित्सकों का इंतजाम किया है। साथ ही आपातकाल की स्थिति में नजदीकी अस्पताल में भी व्यवस्था की है।
अदालत का आदेश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मैराथन को हवा की खराब गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए रद्द करने की याचिका की सुनवाई के बाद आया है।
अदालत ने कहा कि हवा की गुणवत्ता तड़के सुबह काफी खराब होती है और प्रदूषण अपने चरम पर होता है। इसी समय प्रस्तावित हाफ मैराथन शुरू होनी है। खतरनाक प्रदूषण का स्वास्थ प्रतिभागियों पर असर पड़ सकता है। यह पत्र तब आया है जब दिल्ली खतरनाक वायु प्रदूषण से जूझ रही है।
आईएमए के अध्यक्ष केके अग्रवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद कजेरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को मैराथन स्थागित कराने के लिए पत्र लिखा था।