नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को उस समय बड़ी कानूनी सफलता मिली, जब दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा(एबीसी) भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
केजरीवाल ने फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार के रुख का समर्थन किया है तथा केंद्र सरकार पर बड़ा आघात है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार के अधिकारों के बारे में केंद्र द्वारा हाल में जारी अधिसूचना को भी न्यायालय ने गलत ठहराया है।
उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फैसले के बारे में कहा कि इस मामले में न्यायालय में वह एक पक्ष नहीं था। मंत्रालय फैसले का अध्ययन करने के बाद अगला कदम उठाएगी।
उल्लेखनीय है कि आज दिल्ली हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हेड कांस्टेबल अनिल कुमार की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह फैसला दिया था कि दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा(एसीबी) दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। उक्त सिपाही को एसीबी ने रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था, तथा उसने इस आधार पर अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी कि यह दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नही है।
गौरतलब है कि एबीसी ने एक कबाड़ी द्वारा भ्रष्टाचार निरोधी हेल्पलाइन 1033 पर उत्तरपूर्व दिल्ली के सोनिया विहार थाने में तैनात हेड कांस्टेबल अनिल कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उसका कहना था कि कुमार उससे रिश्वत में 20 हजार रुपए मांगे और रुपए नहीं देने पर झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी है।
इस संबंध में एबीसी ने कार्रवाई करते हुए अनिल को थाने से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस के विरोध पर 14 मई को हाईकोर्ट ने भी अनिल कुमार को गिरफ्तार करने के मुद्दे पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यक्षेत्र पर सवाल खड़ा करने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी।