नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार के 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त करने के केजरीवाल सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है।
उच्च न्यायालय ने गुरुवार को 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए इनकी नियुक्ति को रदद करने का आदेश दिया है। इन 21 विधायकों पर लाभ के पद पर होने का आरोप हैं, जिसके चलते उनकी विधायकी भी रद्द हो सकती है।
इससे पहले मंगलवार को चुनाव आयोग ने संसदीय सचिव मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली के मुख्य सचिव केके शर्मा से एक बार फिर छह सवालों का जवाब मांगा है। इसके साथ ही आयोग ने संसदीय सचिवों को दी गई सुविधाओं का ब्योरा भी मांगा है।
चुनाव आयोग ने गत 31 अगस्त को इन सवालों का जवाब मांगा है, जैसे ‘क्या संसदीय सचिवों को गाड़ी या ड्राइवर दिया जा रहा है?, ‘क्या यात्रा खर्चे के लिए भत्ता या रिम्बर्समेंट दिए जा रहे हैं?’ इसके साथ ही ‘क्या ट्रांसपोर्टेशन के लिए कोई रोज़ाना भत्ता दिया गया, कैंप ऑफिस और टेलीफोन सुविधा दी गई?’
इससे पहले 24 जून को चुनाव आयोग ने 11 सवालों के जवाब मुख्य सचिव से मांगे थे, लेकिन मुख्य सचिव के जवाब से आयोग संतुष्ट नहीं हुआ, इसलिए दोबारा पत्र लिखकर जवाब मांगा गया था।