नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सात जनवरी के उस नोटिफिकेशन को गैरकानूनी करार दिया है जिसमें नर्सरी में दाखिले के लिए उप राज्यपाल ने नेबरहुड के मापदंड के अनुसार निजी स्कूलों को दाखिला लेने का निर्देश दिया था।
पिछले 9 फरवरी को जस्टिस मनमोहन की बेंच ने याचिकाकर्ताओं , अभिभावकों और दो स्कूलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली सरकार की नर्सरी में दाखिले के लिए 19 दिसंबर 2016 और सात जनवरी 2017 के नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी।
नोटिफिकेशन में कहा गया था कि डीडीए की जमीन पर बने स्कूल नर्सरी में दाखिला लेने के लिए नेबरहुड के मानदंड को लागू करेंगे। इस नोटिफिकेशन से दिल्ली के 298 निजी स्कूल प्रभावित हो रहे हैं।
स्कूलों का कहना था कि उनके हितों को नुकसान नहीं होना चाहिए और सरकार को छात्रों के बीच कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। उनका कहना था कि उन्हें डीडीए की जमीन आवंटित करते समय भी नेबरहुड का मानदंड तय नहीं किया गया था।
हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा था कि वे स्कूलों का आवंटन पत्र दिखाएं जिसके आधार पर नेबरहुड का मानदंड तय किया गया है। स्कूलों का कहना था कि सरकार का नोटिफिकेशन कानून के मुताबिक नहीं है और ये मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।