नई दिल्ली। रोहिणी जिले के बेगमपुर इलाके में एक ही परिवार के तीन लोगों के रहस्यमयी हालात में शव मिले हैं। इनमें पति, पत्नी और एक बेटी है। रविवार की सुबह कमरे के अंदर तीनों के शव मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
सूचना मिलने पर लोकल पुलिस की टीम और वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे। तीनों के शव को फौरन कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कमरे की जांच में एक मौके पर कथित तौर पर सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें उन्होंने सुसाइड की वजह और उनकी मौत के बाद किसी को तंग नहीं करने की गुजारिश की है।
बेगमपुर थाने की पुलिस ने केस दर्ज कर सभी एंगल से जांच शुरू कर दी है। पुलिस को पुख्ता तौर पर आशंका है कि मां-बेटी की हत्या के बाद सुसाइड किया गया होगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मृतकों की पहचान राकेश गुप्ता (40), पत्नी उमा (35) और सोलह साल की बेटी श्वेता के रूप में हुई है। यह परिवार मूलरूप से यूपी के फैजाबाद का रहने वाला है।
बेगमपुर के राजीव नगर स्थित ए ब्लॉक में पिछले आठ साल से किराए पर रह रहे हैं। राकेश गुप्ता माल ढुलाई वाला विक्रम ऑटो चलाते थे। वह पहले कैब ड्राइवर भी रह चुके हैं। बेटी श्वेता 12 वीं कक्षा में पढ़ रही थी।
राकेश का परिवार मकान के ग्राउंड फ्लोर पर बने कमरे में रहता था। फर्स्ट फ्लोर पर मकान मालिक का साला बबलू एक रूम में रहता है। रोजाना की तरह रविवार सुबह बबलू जाग कर नीचे उतरकर आया। राकेश गुप्ता के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था।
आमतौर पर सुबह पांच बजे ही राकेश गुप्ता का परिवार जाग जाता था। मगर रविवार सुबह करीब 9 बजे तक कोई चहलकदमी या हलचल सुनाई नहीं दी तो बबलू ने दरवाजा खटखटाया। मगर अंदर से कोई जवाब नहीं मिला।
इस बीच अंदर से राकेश के मोबाइल की कई बार घंटी बजती सुनाई दी। यह कॉल उनके किसी रिश्तेदार की ओर से की जा रही थी। फिर उसी रिश्तेदार ने पड़ोस में कॉल करके राकेश के फोन न उठाने की जानकारी दी। अंदर पूरी तरह खामोशी देख बबलू ने भी कॉल किया।
पड़ोसी भी पहुंच गए। उन्होंने दरवाजा खटखटाया। अनहोनी की आशंका के चलते सुबह करीब 9:15 बजे पुलिस को कॉल की गई। पुलिस मौके पर पहुंची। दरवाजे न खुलने पर पुलिस ने घर के दो दरवाजों को तोड़ा। अंदर देखा तो पंखे पर राकेश गुप्ता फंदे से लटके हुए थे। जबकि पत्नी उमा और बेटी श्वेता के शव बेड पर पड़े थे।
मां बेटी के गले और शरीर पर चोट के निशान देखकर पुलिस को आशंका है कि दोनों की हत्या के बाद राकेश ने सुसाइड किया होगा। पुलिस ने राकेश के शव को जब नीचे उतारा तो जेब से एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें तीनों मौत का जिम्मेदार किसी को न ठहराते हुए कुछ निजी कारणों के बारे में इशारे किया है।
पुलिस ने मोबाइल बरामद किया है। मोबाइल की गैलरी और नंबर की सीडीआर के जरिए इस घटना की कड़ियों को जोड़ने में जुटी है। आसपड़ोस में जांच के दौरान पता चला कि परिवार बेहद मिलनसार और शांत स्वभाव का था। कभी भी पति-पत्नी में लड़ाई झगड़े की बात सामने नहीं आई। राकेश गुप्ता अपने परिवार की जिम्मेदारी को हमेशा संजीदगी से निभाते देखे गए हैं।
आर्थिक तंगी जैसे हालात भी कभी सामने नहीं आए। पड़ोसियों का कयास है कि या तो परिवार किसी साजिश का शिकार हुआ है या तीनों के बीच बेहद निजी कारण के चलते यह घटना हुई है। पुलिस ने रविवार को ही फैजाबाद स्थित राकेश गुप्ता के बुजुर्ग पिता को मामले की इत्तला भेज दी है।
पुलिस का कहना है
कमरा अंदर से लॉक था। दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर पहुंच सकी। मां-बेटी के गला घोंटने और शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। राकेश की जेब से जो सुसाइड नोट मिला है। उसमें घटना के लिए किसी को ब्लेम नहीं किया है। शवों के पोस्टमार्टम भी न कराने के बारे में लिखा है। लास्ट की लाइन में सभी को राम राम लिखा था। सुसाइड नोट की जांच व अन्य सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। पुलिस को सुबह करीब सवा नौ बजे कॉल मिली थी।
एमएन तिवारी: डीसीपी (रोहिणी डिस्ट्रिक्ट)