नई दिल्ली। पिछले करीब दस साल से एक साथ खाने और पीने वालों दो दोस्तों के बीच आखिर ऐसी कौन सी बात हुई कि एक दोस्त ने दूसरे दोस्त की हत्या कर दी। हत्या भी इतनी बेरहमी से की सुनकर ही कलेजा कांप जाएं। वारदात वाले दिन दोनों ने एक साथ कमरे में बैठकर शराब पी और खाना खाया। उसके बाद क्या हुआ किसी को पता नहीं। जब पुलिस और परिजनों को मामले का पता चला तो उनके होश उड़ गए।
विपिन चंद जोशी का शव उसके ही दोस्त मंडल बादल के फ्रिज में मिला। शव तीन टूकड़ों में मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रविवार को शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। फिलहाल महरौली थाना पुलिस वारदात के बाद फरार मृतक के दोस्त मंडल बादल की तलाश कर रही है।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, शनिवार शाम विपिन चंद शर्मा का भाई महेश चंद शर्मा जब अपने भाई को खोजते हुए मंडल बादल के घर पहुंचा तो उसके घर से बदबू आ रही थी। शक होने पर उसने पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि दरवाजे पर ताला बंद है। ताला तोड़ अंदर दाखिल हुई तो पुलिस व परिजन दोनों के होश उड़ गए।
विपिन शर्मा का शव तीन टूकड़ो में फ्रिज के अंदर रखा था। विपिन की गर्दन फ्रिज के ऊपर वाले खाने में थी,बीच वाले खाने में हाथ और पैर थे, जबकि सबसे नीचे वाले खाने में धड़ था। शव को किसी धारदार हथियार से बुरी तरह से काटा गया था।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, विपिन चंद शर्मा मूलरूप से उत्तराखंड के बागेश्वर का रहने वाला था। दिल्ली में सैदुल्लाजाब के गली नंबर दो में अपने भाई महेश चंद शर्मा, पत्नी पूजा और डेढ़ साल की बेटी हर्षिता के साथ रहता था। जबकि उसकी मां चिमोली देवी गांव में ही रहती है। करीब छह माह पहले पूजा और हर्षिता भी अपने गांव चले गए थे।
मंडल बादल गली नंबर एक में ही अपने परिवार के साथ किराए पर रहता है। उसके परिवार में पत्नी और दो बेटियां और एक बेटा है। उसकी पत्नी और बच्चे भी दशहरे में वेस्ट बंगाल स्थित अपने गांव गए हैं।
रोटी लेकर मंडल के घर गया था विपिन
विपिन के भाई महेश ने बताया कि नौ अक्तूबर को शाम को विपिन बादल मंडल के घर पर गया था। दोनों एक ही साथ एक रेस्टोरेंट में बार टेंडर का काम करते थे। रात को अकसर दोनों साथ में बैठकर शराब भी पीते थे। उस दिन भी बादल मंडल के घर के पास ढाबे से सिर्फ छह रोटियां लेकर मंडल के कमरे पर गया। दोनों ने शराब भी पी। लेकिन देर रात विपिन कमरे से नहीं लौटा तो महेश को लगा कि वह मंडल के घर पर ही सो गया होगा। लेकिन अगली सुबह भी 10 अक्तूबर को जब विपिन घर नहीं पहुंचा तो उसने अपने भाई के मोबाइल पर फोन किया लेकिन उसका फोन बंद जा रहा था। तब उसने मंडल को फोन किया, तो उसने बताया कि वह उसके पास से रात को ही चला गया है।
तीन दिनों तक भाई को बनाता रहा बेवकूफ
महेश ने बताया कि पिछले तीन दिनों तक बादल मंडल उसे बेवकूफ बनाता रहा। उसने महेश से कहा कि वह कभी हरिद्वार तो कभी ऋषिकेश जाने की बात कह रहा था। लगता है कि वह हरिद्वार या ऋषिकेश चला गया होगा। मगर विपिन का मोबाइल लगातार बंद जा रहा था। गुरुवार को महेश ने मंडल को फोन किया तो उसने बताया कि वह ट्रेन पकड़कर अपने गांव जा रहा है।
उसके बाद से उसका भी मोबाइल बंद हो गया। शक होने पर महेश अपने जानकार के साथ शनिवार शाम करीब चार बजे बादल मंडल के घर पर गया तो घर से बदबू आ रही थी और दरवाजे पर ताला भी लगा था। तब शक होने पर उसने पुलिस को सूचना दी।
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