नई दिल्ली। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने प्रस्तावित जोधपुर पाली मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (जेपीएमआईए) परियोजना को पर्यावरण संबंधी मंजूरी देने की सिफारिश की है।
मंजूरी मिलने से राजस्थान में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) के विकास में तेजी आने की उम्मीद है। डीएमआईसी के पहले चरण में विकसित किए जाने वाले आठ निवेश क्षेत्रों में जेपीएमआईए भी शामिल है।
जेपीएमआईए लगभग 154 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्र को कवर करता है, जिसमें से लगभग 64 वर्ग किमी का शहरीकरण करने का प्रस्ताव है, जबकि शेष क्षेत्र को ‘पेरिफेरल कंट्रोल बेल्ट’ के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है जिसमें कृषि को प्राथमिकता दी जा रही है।
परियोजना स्थल दो सीमावर्ती जिलों के किनारे जोधपुर से 40 किलोमीटर और पाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
डीआईएमसीडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक अल्केश शर्मा ने कहा कि जेपीएमआईए को सभी डीएमआईसी शहरों की तरह ही एक मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा।
यह स्थानीय संसाधनों और स्वदेशी क्राफ्ट सहित स्थानीय शक्तियों द्वारा संचालित औद्योगिक, व्यापार और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देगा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करेगा। यह संपूर्ण मारवाड़ क्षेत्र में वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) के लिए एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
जेपीएमआईए में उच्च श्रेणी के आंतरिक सार्वजनिक परिवहन की सुविधा होगी और पड़ोसी शहरी केंद्रों से संबद्ध होंगे। इसके तहत 21 किमी पाली-सूजत बाईपास का विकास भी प्रस्तावित है। इस शहरी योजना में दो वर्ग किमी क्षेत्र में फैले एक एकीकृत मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब (आईएमएमएलएच) भी शामिल है, जिसमें इस क्षेत्र की सेवा के लिए 25 मीट्रिक टन प्रति वर्ष का कार्गो संभालने की क्षमता होगी।
जेपीएमआईए के लिए आदर्श के रूप में पहचान की गई उद्योग श्रेणियों में वस्त्र और परिधान, भवन निर्माण सामग्री, मोटर वाहन और वाहन घटक, हस्तशिल्प, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उत्पादों और मशीनरी और उपकरण शामिल हैं, जो महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर पैदा करेंगे।
राजस्थान सरकार जेपीएमआईए के पहले चरण के विकास के लिए जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करेगी।