नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी राज्यों की भोली-भाली मासूम लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर देह-व्यापार के धंधे में धकेलने वाले गैंग की सरगना को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हिमाचल प्रदेश के मनाली से दबोचा है।
आरोपी की पहचान केवी मांडा उर्फ केबीलिना एम.संगमा के रूप में हुई है। अगस्त 2016 में मेघालय की एक युवती की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर केवी की तलाश कर रही थी। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने केवी की गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया हुआ था।
अपराध शाखा पुलिस आरोपी से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार छह अगस्त को मेघालय निवासी युवती की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।
पीडि़ता मुस्कान (बदला हुआ नाम) ने क्राइम ब्रांच को बताया कि 25 जुलाई को राधिका नामक महिला नौकरी दिलवाने की बात कर मेघालय से गुवाहाटी ले आई। बाद में राधिका ने 10 हजार रुपये लेकर मुस्कान को गुवाहाटी में केवी नामक महिला को सौंप दिया। उसे आश्वासन दिया गया कि केवी के अच्छे संबंध हैं। वह उसे दिल्ली में 25 से 30 हजार रुपए की नौकरी दिलवा देगी।
दिल्ली लाकर पीडि़ता को कोटला-मुबारकपुर के एक फ्लैट में बंधक बना दिया गया। यहां उसे निखिल नामक एक अन्य युवक के हवाले कर दिया गया। निखिल मुस्कान पर छोटे कपड़े पहनकर जबरन देह व्यापार के लिए मजबूर करने लगा। ऐसा न करने पर उसे बुरी तरह पीटा जाता था। किसी तरह पीडि़ता ने भागकर एक एनजीओ की मदद से मामले की शिकायत की।
पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर रेड होने लगी। राधिका नामक महिला को गुवाहाटी से 15 अगस्त को दबोच लिया गया तभी से आरोपी न्यायिक हिरासत में थी। इधर गैंग की सरगना केवी फरार थी। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। एक टीम को असम व मेघालय भेज दिया गया। लेकिन भनक लगते ही वह वहां से फरार हो गई।
इधर एक सूचना के बाद टीम ने केवी को हिमाचल प्रदेश के मनाली, में हिडंबा देवी मंदिर के पास से दबोच लिया। पुलिस से छुपने के लिए केवी मनाली में अपनी एक साथी के साथ किराए के कमरे में रह रही थी। उसकी दोस्त भी देह व्यापार का धंधा करती है। पुलिस केवी से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
पुलिस के अनुसार केवी ने दिल्ली से लेकर उत्तर-पूर्वी राज्यों में अपना नेटवर्क फैलाया हुआ था। ग्रामीण इलाके की लड़कियां या ऐसी लड़कियां जो अकेली रहती थीं, उनको इनका गैंग टारगेट करता था। बढ़िया नौकरी दिलवाने का झांसा देकर इनको दिल्ली लाया जाता था। यहां धमकाकर या लालच देकर देह व्यापार के लिए राजी किया जाता था। विरोध करने पर लड़कियों को बुरी तरह पीटा जाता था। गैंग में किसी भी गड़बड़ी से निपटने के लिए नेपाली मूल के बाउंसरों को रखा गया था।
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