नई दिल्ली। दीपावली की अगली सुबह सोमवार को प्रदूषण ने बीते तीन साल का रिकोर्ड तोड़ दिया है। सोमवार को प्रदूषण का स्तर सामान्य स्तर से कई 42 गुना तक बढ़ा हुआ रिकॉर्ड किया गया।
प्रदूषण का आलम यह है कि देश की 10 सबसे प्रदूषित जगहों में से 8 दिल्ली-एनसीआर की हैं। बीते 36 घंटों के दौरान दिल्ली की हवा में पीएम 10 की संख्या 4 सौ को भी पार कर गया है।
दिल्ली में प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर शादीपुर इलाके में दर्ज किया गया जहां हवा में पीए 2.5 की मात्रा 471 दर्ज की गई, जबकि इसका लेवल ज़ीरो से 50 के बीच सबसे सही माना जाता है।
इतना प्रदूषण इंसानी फेंफडों के लिए बेहद घातक माना जाता है। पीएम के जरिए हवा में मौजूद धूल और धुंए का लेवल मापा जाता है।
बम-पटाखों से निकलने वाले धुएं में कई हानिकारक गैसों के साथ भारी धातुओं जैसे लेड, क्रोमियम, जिंक आदि के छोटे-छोटे कण होते हैं। ये हवा में घुलकर उसे जहरीला बना देते हैं।
वातवारण में सल्फर डाई ऑक्साइड की मात्रा भी बढ़ जाती है। इससे श्वास नलिकाएं सिकुड़ने लगती हैं और सांस लेने में तकलीफ होती है। हवा में मौजूद हानिकारक रसायन और गैस के कारण त्वचा बेहद रूखी हो जाती है।
स्किन एलर्जी, एक्जिमा, त्वचा पर जलन होना, रैशेज पड़ जाना जैसी समस्या हो सकती है।