मुंबई। महाराष्ट्र में किसानों ने रविवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा की गई कर्जमाफी की घोषणा के बाद अपनी 11 दिन पुरानी हड़ताल खत्म कर दी। फडणवीस ने शाम में ट्वीट किया कि विचार-विमर्श के बाद सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी। किसानों ने हड़ताल खत्म कर दी है।
उन्होंने कहा कि कर्जमाफी की शर्तो और ब्योरे को एक संयुक्त समिति अंतिम रूप देगी, जिसमें सरकारी अधिकारी और किसानों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि लघु और सीमांत किसानों की कर्जमाफी तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है।
पाटील ने मुख्यमंत्री द्वारा दो दिन पहले गठित छह मंत्रियों की समिति की ओर से आंदोलनकारी किसानों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि कर्जमाफी के बारे में विस्तृत ब्योरे की घोषणा 25 जुलाई को की जाएगी।
तटीय क्षेत्र कोंकण को छोड़कर समूचे महाराष्ट्र में पांच लाख से ज्यादा किसान एक जुलाई से अप्रत्याशित हड़ताल पर चले गए थे, जिस कारण मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, नाशिक, नागपुर व अन्य प्रमुख शहरों में दूध, फल, सब्जियों और यहां तक कि अनाजों की आपूर्ति भी बंद हो गई थी। आक्रोशित किसानों ने हजारों लीटर दूध सड़क पर बहा दिए थे। आंदोलन ने कई जगह हिंसक रूप ले लिया था।
किसानों की प्रमुख मांगें थीं- कर्जमाफी, मुफ्त बिजली, उपज के समुचित दाम, सिंचाई के लिए अनुदान, 60 साल या अधिक उम्र के किसानों को पेंशन और एम.एस. स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें लागू करना।
मंत्री पाटील ने कहा कि स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें लागू करने की मांग सिर्फ केंद्र सरकार पूरी कर सकती है। इसके लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्रियों और किसानों का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेगा।
किसान नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार ने सैद्धांतिक रूप से उनकी अधिकांश मांगें मान ली हैं। इनमें मुख्य रूप से कर्जमाफी और मौजूदा साल के लिए फसली कर्ज देना शामिल है।
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी ने कहा कि राज्य में सोमवार को कमिश्नरियों और राजस्व विभाग के दफ्तरों के बाहर धरना तथा मंगलवार को रेल व रास्ता रोको कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। स्वाभिमान शेतकारी संगठन राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का सहयोगी है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने शुक्रवार को छह मंत्रियों की समिति गठित की थी। समिति में शामिल मंत्रियों और प्रमुख किसान संगठनों के नेताओं के बीच रविवार को सहयाद्री गेस्ट हाउस में हुई लंबी बैठक के बाद आम सहमति बनी और हड़ताल खत्म करने की घोषणा की गई।