वापी। सरकार द्वारा भले ही आठ नवंबर से हजार और पांच सौ की नोट प्रचलन में बंद करने की घोषणा कर दी गई हो, मगर वापी मे बहुत से कंपनियों व ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों को वेतन में यही पुरानी नोट दी जा रही है। जबरन यह नोट लेने के बाद श्रमिकों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि सरकार के आदेश के बाद पेट्रोलपंप, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, व सरकारी कार्यालयो में टैक्स स्वरुप ही एक हजार और पांच सौ के नोट लिए जा रहे हैं। यह नोट बैंक में जमा करने व बदलने के लिए लोग घंटों लाइन में खड़े रहते हैं। उसके बाद भी नोट बदलने में उन्हें सफलता नहीं मिलती।
ऐसे में कंपनियों द्वारा वेतन में उन्हें यही पुरानी नोट दिया जा रहा है। जीआईडीसी थर्ड फेज स्थित एक कंपनी में दो दिन से संचालक जबरन हजार और पांच सौ की नोट दे रहे हैं। नहीं लेने पर श्रमिकों को कई महीने बाद वेतन देने का बहाना देकर यह नोट दी जा रही है। वेतन में यह नोट लेकर श्रमिक घूम रहे हैं।
कुछ ठेकेदार भी अपने पास पड़े इन रुपयों को श्रमिकों को वेतन स्वरुप देकर अपना टेन्शन दूर कर रहे हैं। इस संबंध में कलक्टर से संपर्क करने पर फोन रिसीव नहीं किया गया। जबकि डीएसपी कुंडलिया ने कहा कि आरबीआई की गाइड लाइन या जिला प्रशासन का स्पष्ट आदेश होने के बाद ही कुछ कर सकते हैं।