जयपुर। पाकिस्तान और इस्लाम के बारे में बेबाक नजरिया रखने वाले पाकिस्तानी मूल के लेखक और विचारक तारेक फ़तेह ने कहा कि भारत में नोटबंदी से इस्लामिक जेहादी आतंकवादियों और नक्सलवादियों को पैसा आना बंद हो गया है।
भारत सरकार के इस फैसले ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है।तारेक फ़तेह शनिवार पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। वे यहां दो दिवसीय कॉन्क्लेव- द जयपुर डायलॉग्स में शामिल होने आए हैं।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी से दाउद इब्राहिम का करोड़ो रूपया शून्य हो गया है। भारत सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान की कमर टूट गई है। क्योंकि पाकिस्तान के पेशावर और कराची में दो नोट प्रेस थे, जहां पर चुराई गई तकनीक से भारत की नकली करेंसी छापी जाती थी।
इसे बांग्लादेश, नेपाल और दुबई के रास्ते भारत में सप्लाई किया जाता था। लेकिन अब भारत में नकली नोट आना बंद हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से पाक को होने वाले नुकसान पर ज्यादा जिक्र इसलिए नहीं हो रहा है, क्योंकि यहां की आम जनता की अपनी समस्याएं हैं।
उन्होंने पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते बनाने की वकालत करने वाले भारत के लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी रूचि पाकिस्तान से पैसा कमाने में है, जो लोग ऐसा कह रहे हैं, उनका पाकिस्तान में पैसा फंसा हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार को पाकिस्तान से सभी तरह के व्यापारिक और आर्थिक संबंध तत्काल समाप्त कर लेना चाहिए। फ़तेह ने कहा कि भारत को बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ और बेहतर संबंध बनाना चाहिए।
उन्होंने ममता बनर्जी, उमर अब्दुला और अरविंद केजरी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिन लोगों को आम आदमी क्या होता यह नहीं पता वे आज आम आदमी की बात कर रहे हैं।
तीन तलाक को लेकर चल रही बहस के बीच फ़तेह ने कहा कि 40- 50 साल तक हम सोचते आ रहे थे कि लेफ्ट औरतों के अधिकारों के लिए खड़ा लेकिन अब मौलवियों के पक्ष में जाकर खड़ा गया।
अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रंप के बारे में कहा कि वो किसके पक्ष में यह तो कहा नहीं जा सकता लेकिन इतना तय है आईएस और इस्लामिक आतंकवाद पर कड़ी कार्रवाई होगी।