नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से अब तक दिल्ली में 1197 नई कम्पनियां रजिस्टर की गई हैं। इनमें से से 470 कम्पनियों के फर्जी होने का शक है।
नोटबंदी के बाद लोगों ने पुरानी नकदी को ठिकाने लगाने के लिए सबसे आसान तरीका अपनाते हुए नई कंपनियों का गठन किया। आयकर विभाग और ईडी की कालाधन के खिलाफ जांच पड़ताल का दायरा अब इन कंपनियों तक पहुंच गया है। इसमें कई फर्जी तरीके से बनाई गई कंपनियां बताई जाती हैं।
आयकर विभाग के रिकार्ड के मुताबिक ज़्यादातर कंपनियों में निदेशक छोटे-मोटे काम करने वाले लोग हैं। इनसे लगता है कि इन कंपनियों को कालाधन सफ़ेद करने के लिए बनाया गया था।
इन कंपनियों के बैंक खाते ज्यादातर निजी बैंकों में खोले गए जिनमें एक्सिस बैंक, कोटक बैंक और आईसीआईसीआई जैसे बैंक शामिल हैं। आयकर विभाग ने पाया कि नोएडा और दिल्ली में एक्सिस बैंक की कई शाखाओं में फर्जी खाते खोलकर करोड़ों रुपये का खेल किया गया है। ऐसे सभी खाते अब जांच के दायरे में हैं।
आयकर विभाग अब ऐसे मामलों की जांच के लिए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की मदद कर रहा है। इसके अलावा आरबीआई ने भी ऐसे बैंकों को नोटिस भेजने का मन बना लिया है, जिनके यहां सबसे ज्यादा फर्जी खाते खोले गए या फर्जी कंपनियों के चालू खाते खोले गए।
नोएडा के सेक्टर-51 के एक्सिस बैंक में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापा मारा है। फर्जी खाते मामले में ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉडिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केस भी दर्ज किया है।
आरोप है कि एक्सिस बैंक की नोएडा ब्रांच में 40 फर्ज़ी कंपनियों के नाम पर खाते खोले गए और उनमें 60 करोड़ से भी ज्यादा की रकम जमा की गई। ईडी ने नोएडा पहुंच कर बैंक कर्मचारियों और बुलियन ट्रेडर्स के बयान दर्ज किए।
एक फर्जी कंपनी के निदेशक बनाए गए नंदू की एफआईआर पर ईडी ने मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, आयकर विभाग ने भी इस मामले से संबंधित अपनी रिपोर्ट ईडी को भेज दी है।
चंडीगढ़ में भी प्रवर्तन निदेशालय ने एक दर्जी के पास से छापेमारी के दौरान तकरीबन 31 लाख रुपये नकद और 2.5 किलो सोना बरामद किया है। जब्त की गई राशि में 2000 और 500 के नए नोटों में 18 लाख रुपए शामिल हैं। बाकी रकम 100 और 50 के नोटों में हैं। टेलर से पूछताछ जारी है।