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demonetisation : labor department role like facilitator
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नोटबंदी : फैसिलिटेटर की भूमिका में होगा श्रम विभाग

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नोटबंदी : फैसिलिटेटर की भूमिका में होगा श्रम विभाग

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सूरत। सूरत शहर के उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों और कर्मचारियों को बैंक अकाउंट के जरिए सैलरी देने के सरकार के आदेश के बाद श्रम विभाग सक्रिय हो गया है।

श्रम निरीक्षक उद्यमियों और बैंकों के बीच समन्वय कर श्रमिकों के अकाउंट खुलवाने के लिए कैंप आयोजित कर रहे हैं। पिछले चार-पांच दिनों में ही 25-30 जगहों पर आयोजित कैंपों के जरिए 13 हजार से अधिक श्रमिकों व असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के अकाउंट खोले गए हैं।

आठ नवंबर की रात बड़े नोटों के चलन से बाहर करने की सरकार की घोषणा के बाद भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों व श्रमिकों को पांच सौ हजार रुपए के नोटों के जरिए सैलरी दी गई थी। श्रमिकों को इन बड़े नोटों को बदलवाने के लिए बैंकों के बाहर कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

यहां तक कि उन्हें छुट्टी लेकर रुपए बलदवाने पड़े। इस समस्या की वजह से दीपावली पर अपने गांव गए श्रमिकों में से बड़ी संख्या में श्रमिक वापस नहीं लौटे। इतना ही नहीं जो श्रमिक यहां थे, उनमें से बड़ी संख्या में पलायन करने लगे। श्रम विभाग के अधिकारी के अनुसार शहर में 40 फीसदी तक श्रमिकों की कमी की समस्या है।

इस समस्या की वजह से सरकार भी गंभीर है, उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं आए इस वजह से उनकी सैलरी या रोज की कमाई भी बैंक अकाउंट के जरिए देने की व्यवस्था की जा रही है। कलक्टर की ओर से श्रम विभाग को इस संबंध में जरूरी निर्देश दिए गए हैं।

बाध्य नहीं करेंगे

श्रम विभाग फिलहाल किसी सख्ती के मूड में नहीं है। वह उद्योगों पर ऐसा कोई दबाव नहीं बनाएगा जिससे उद्यमियों को अपने कर्मचारियों या श्रमिकों को बैंक अकाउंट के जरिए ही पेमेंट करना पड़े। हां, वह इसके लिए माहौल बनाने के साथ फैसिलिटेटर की भूमिका में रहेगा। अधिक से अधिक कर्मचारियों व श्रमिकों का अकाउंट खुले, इसके लिए वह बैंकों और उद्यमियों के बीच कड़ी का काम कर रहा है।

श्रम विभाग के अधिकारी के अनुसार उद्योगों में श्रमिकों की कमी की समस्या है। ऐसी स्थिति में किसी बड़ी कार्रवाई से उद्योगों व श्रमिकों दोनों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इस वजह से वह सिर्फ सरकार के आदेश को लागू कराने के लिए फैसिलिटेटर की भूमिका में रहेंगे।

जोर-जबर्दस्ती पर होगी कार्रवाई

किसी फर्म या संस्था की ओर से यदि श्रमिकों को जोर-जबर्दस्ती से सरकार की ओर से अमान्य किए गए पांच सौ या हजार के नोट दिए जाएंगे तो श्रम विभाग इस पर कार्रवाई करेगा। श्रम विभाग के अनुसार यह सरकार के आदेश का उल्लंघन होगा और यदि किसी की ओर से यह शिकायत मिली तो विभागीय अधिकारी इसकी जांच कर एक्शन लेंगे।

अकाउंट खुलवाना प्राथमिकता

उद्योगों में श्रमिकों की कमी समेत कई दूसरी समस्या है। इस वजह से फिलहाल हमारी प्राथमिकता श्रमिकों व कर्मचारियों के अकाउंट खुलवाने की है। सरकार ने बड़े नोट बंद किए है, यदि इसका उल्लंघन किया गया तो श्रम विभाग जरूर कार्रवाई करेगा।
आशीष गांधी, सहायक श्रम आयुक्त, सूरत