जोधपुर। नोटबंदी के चलते नोट एक्सचेंज करवाने, नए नोट लेने और रुपए जमा करवाने का काम मंगलवार को जारी रहा। मंगलवार को शादी वाले घरों के कई लोग बैंक पहुंचे।
बैंक से मिले आंकड़ों के अनुसार एक दिन में 100 दूल्हा-दुल्हन रुपए निकलवाने बैंक पहुंचे। जोधपुर शहर में इस वर्ष करीब 1000 शादियां हैं और एक अनुमान के मुताबिक इन सभी के लिए 25 करोड़ के आसपास रुपए की जरूरत होगी।
हालांकि मंगलवार सुबह की स्थिति देखें तो एसबीआई, जिसकी शहरभर में 22 शाखाएं हैं को अब तक नई करंसी का इंतजार है। वहीं नोट बैन के बाद केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक की तरफ से रोजाना बदले जा रहे नियमों के कारण कई लोग सांसत में फंस गए हैं।
एक ही बैंक में कल एक दूल्हे को ढाई लाख रुपए खाते से निकालने दिए गए। वहीं मंगलवार उसी बैंक में एक अन्य दूल्हे को सिर्फ 24 हजार रुपए ही निकालने की अनुमति मिली।
नोट बैन के पश्चात शादी वाले घरों की दिक्कतों को ध्यान में रख केन्द्र सरकार ने दूल्हा-दुल्हन या उनके परिजनों को अपने खातों से ढाई लाख रुपए एक मुश्त निकालने की अनुमति देने की घोषणा की।
इसके अगले दिन लोग बैंक पहुंचे तो बताया गया कि उन्हें अभी तक रिजर्व बैंक से इस बारे में किसी प्रकार के निर्देश नहीं मिले। एक दिन बाद बैंकों को रिजर्व बैंक से निर्देश मिल गए। इस पर सोमवार को शहर में कुछ लोगों ने अपने खातों से ढाई लाख रुपए निकाले।
रिजर्व बैंक ने कल एक बार फिर शादी वाले घर के लोगों को प्रदान की गई राहत में कुछ बदलाव कर दिया। नए नियम के तहत अब आठ नवम्बर से पहले जिसके खाते में ढाई लाख रुपए जमा है वो ही लोग इसे निकाल पाएंगे।
इसके बाद राशि जमा कराने वालों को किसी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी। जिले के गैलावास निवासी राजेन्द्र सिंह की शादी 12 दिसम्बर को है। मंगलवार सुबह वह अपने खाते से ढाई लाख रुपए निकालने पहुंचा, लेकिन बैंक ने नए नियमों का हवाला देते हुए उसे महज 24 हजार रुपए ही निकालने की अनुमति प्रदान की।
निराश राजेन्द्र ने कहा कि यह उसके साथ अन्याय है, रोज इस तरह नियम बदलना गलत है। उसने अपने दोस्तों से आन लाइन अपने खाते में राशि जमा करवाई।
वहीं कल बैंक से ढाई लाख निकालने वाले दूल्हा बने देवेन्द्र सोनी काफी प्रसन्न नजर आए। देवेन्द्र की कल शादी है। आज एक बार फिर बैंक पहुंचे देवेन्द्र ने बताया कि वह बहुत लक्की रहा जो नियम बदलने से पूर्व ही राशि निकलवा ली।