नई दिल्ली। नोटबंदी के फैसले की समीक्षा कर रही लोक लेखा समिति के अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता केवी थॉमस ने कहा कि अगर रिजर्व बैंक के गवर्नर और दूसरे अधिकारी इस पर संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाते हैं तो समिति प्रधानमंत्री मोदी को भी तलब कर सकती है।
थॉमस ने कहा कि वह नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री से मिले थे जिसमें उन्होंने भरोसा दिलाया था कि 50 दिनों के बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी लेकिन 50 दिनों के बाद भी ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा।
समिति ने निर्णय लिया है कि उन शीर्ष अधिकारियों को इसी महीने बुलाया जाए जो नोटबंदी के फैसले में शामिल थे। वहीं संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने नोटबंदी के मुद्दे पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल से 10 सवाल पूछे हैं।
पीएसी ने नोटबंदी को लेकर 20 जनवरी को बैठक बुलाई है। इस बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल, वित्त सचिव अशोक लवासा और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास उपस्थित रहेंगे।
कांग्रेस नेता केवी थॉमस की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति ने उर्जित पटेल से फैसले में आरबीआई की भूमिका, अर्थव्यवस्था पर असर और बीते दो महीने में आरबीआई के फैसलों के बारे में पूछा है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सदन में कहा था कि नोटबंदी का फैसला आरबीआई और इसके बोर्ड ने लिया है और सरकार ने केवल उनकी सलाह पर अमल किया है।
पीएसी की ओर से पूछे गए सवाल इस प्रकार हैं-
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सदन में कहा था कि नोटबंदी का फैसला आरबीआई और इसके बोर्ड ने लिया है और सरकार ने केवल उनकी सलाह पर अमल किया है। क्या आप इससे सहमत हैं?
आरबीआई ने कब तय किया कि नोटबंदी भारत के हित में हैं? रातों-रात 500 और 1000 के नोट बंद करने के पीछे आरबीआई ने क्या तर्क पाए? आरबीआई के अनुसार भारत में सिर्फ 500 करोड़ रुपए की जाली करेंसी है।
जीडीपी के मुकाबले भारत में नकद 12 फीसदी था, जो कि जापान (18%) और स्विट्जरलैंड (13%) से कम है। भारत में मौजूद नकदी में हाई वैल्यू वाले नोटों का हिस्सा 86% था, लेकिन चीन में 90% और अमरीका में 81% है।
ऐसी क्या चिंताजनक स्थिति थी कि नोटबंदी का फैसला लिया गया? 8 नवम्बर को होने वाली आपात बैठक के लिए आरबीआई बोर्ड सदस्यों को कब नोटिस भेजा गया था? उनमें से कौन इस बैठक में आए? यह बैठक कितनी देर चली?
नोटबंदी की सिफारिश करते हुए क्या आरबीआई ने स्पष्ट किया था कि 86 प्रतिशत नकदी अवैध होगी? कितने समय में व्यवस्था पटरी पर लौट सकेगी? फैसले के बाद बैंकों से 10,000 रुपये प्रतिदिन और 20,000 रुपये प्रति सप्ताह निकासी की सीमा तय की गई।
एटीएम से 2000 रुपए प्रतिदिन की सीमा तय की गई। किस कानून और शक्तियों के तहत लोगों पर अपनी ही नकदी निकालने की सीमा तय की गई? करेंसी नोटों की सीमा तय करने की ताकत आरबीआई को किसने दी? क्यों न आप पर मुकदमा चलाया जाए और शक्तियों का दुरुपयोग करने के लिए पद से हटा दिया जाए?
इस दौरान आरबीआई के नियमों में बार-बार बदलाव क्यों हुए? उस आरबीआई अधिकारी का नाम बताएं जिसने निकासी के लिए लोगों पर स्याही लगाने का विचार दिया। शादी से जुड़ी निकासी वाली अधिसूचना किसने तैयार की?
अगर यह सरकार ने की थी तो क्या अब आरबीआई वित्त मंत्रालय का एक विभाग है? कितने नोट बंद किए गए और कितनी पुरानी करेंसी जमा हुई? आरबीआई आरटीआई के तहत मांगी जाने वाली जानकारी क्यों नहीं दे रहा?