रोहतक। केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दुष्कर्म मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई है। उस पर तीन अलग-अलग धाराओं को लेकर 65 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने रोहतक के पास सुनारिया जेल में यह फैसला सुनाया। डेरा प्रमुख अपनी दो पूर्व शिष्याओं के दुष्कर्म के दोषी हैं।
सजा सुनाए जाने से पहले दोनों पक्षों को अपना-अपना पक्ष में दलील देने के लिए 10-10 मिनट का समय दिया गया। इस दौरान बाबा रहीम चुपचाप खड़ा रहा और वकीलों की दलील सुनता रहा। सुनवाई के दौरान राम रहीम के आंसू निकल आए और वो खूब रोया। रोते हुए राम रहीम ने जज से माफी भी मांगी। राम रहीम बोला कि मुझ पर रहम दीजिए जज साहब। वह रहम की अपील करता रहा। सजा सुनाए जाने के दौरान डेरा प्रेमियों ने सिरसा के फुल्का गांव में दो वाहनों में आग लगाई। इसकी सूचना भी कोर्ट को दी गई।
सुनरिया जेल में डेरा प्रमुख की सजा पर सुनवाई के दौरान बाबा के वकीलों ने बचाव पक्ष में कहा कि डेरा प्रमुख सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे हैं। डेरा प्रमुख के वकील एसके नरवाना ने कहा कि बाबा ने कई समाज सेवा के काम किए हैं इसलिए उन्हें कम से कम सजा दी जाए। उन्होंने बताया कि बाबा ने 133 समाज सेवा के काम किए हैं। वे नरमी के हकदार हैं। उन्होंने डेरा प्रमुख की जेल बदलने की भी मांग की।
वहीं सीबीआई के वकीलों ने कहा कि वकील ने कहा कि अब कोई संशय नहीं है। साध्वियों का यौन शोषण किया गया है। भावनाओं का दोहन किया है डेरा प्रमुख है। उसे मिलने वाली सजा कम है। सीबीआई वकीलों ने डेरा प्रमुख के लिए उम्रकैद की सजा मांगी।
सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम का कैदी नंबर चेंज होगा। अभी तक वह कैदी नंबर 1997 था। उसे अब कैदियों वाले कपड़े पहनने होंगे। उसे जेल मैनुअल के हिसाब से काम भी करना होगा।