नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दुष्कर्म के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत से दोषी ठहराए जाने के बाद भड़की हिंसा में 36 लोगों की मौत के बाद कांग्रेस ने हरियाणा सरकार को हिंसा रोकने में पूरी तरह ‘विफल’ करार देते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
लेकिन भाजपा सूत्रों का कहना है पार्टी का शीर्ष नेतृत्व खट्टर पर जल्दबाजी में कोई कार्रवाई नहीं करने जा रही है। उन्होंने बताया कि मामला ठंडा होने पर ही इस पर चर्चा की जाएगी।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खट्टर को ‘बचाने’ का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री को बर्खास्त कर हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। बहुजन समाजवादी पार्टी ने हिंसा को वोटबैंक की राजनीति के आगे खट्टर सरकार का शर्मनाक आत्मसमर्पण करार दिया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऐसा लगता है कि मरने वालों की जो संख्या बताई जा रही है, वह उससे कहीं अधिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘अपने मित्र खट्टर को बचाना’ चाहते हैं।
सिंघवी ने शुक्रवार को हरियाणा में हुई हिंसा पर कहा कि आप हिंसा का नंगा नाच और सड़कों पर दंगे देख रहे हैं। सिंघवी ने कहा कि यह केंद्र और राज्य, दोनों सरकारों की विफलता है। उन्होंने कहा कि निकम्मी सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।
सिंघवी ने कहा कि यह अप्रत्याशित है कि सात दिन पहले से चेतावनी मिलने के बाद भी हरियाणा और केंद्र की सरकारें नपुंसक, मूकदर्शक बनी रहीं। एक अन्य कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हिंसा रोकने में नाकाम रही मनोहर लाल खट्टर सरकार की निंदा की।
थरूर ने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मद्देनजर यदि खट्टर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दें तो उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए।
थरूर ने कहा कि आखिरकार मुख्यमंत्री और उनका मंत्रिमंडल राज्य में कानून एवं व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह खट्टर सरकार की नाकामी है और उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए।
थरूर ने कहा कि हरियाणा सरकार कहां थी? उन्होंने लोगों को इकट्ठा कैसे होने दिया? सबको पता था कि वे (अनुयायी) हिंसा पर उतारू थे, फिर हरियाणा सरकार ने धारा 144 लगाकर स्थिति नियंत्रण में क्यों नहीं की? प्रबंधन नाकाम रहा। अब बहुत हो चुका।
थरूर ने माउंटेन इकोज लिटरेरी फेस्टिवल से इतर संवाददाताओं से कहा कि खट्टर पूरी तरह से नाकाम रहे हैं और यदि उन्हें नहीं हटाया जाता तो इससे बहुत खराब संदेश जाएगा।
उन्होंने कहा कि आपका मुख्यमंत्री कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रहा। कई लोगों की मौत हुई और अगर ऐसी स्थिति में उन्हें पद पर रहने दिया जाए तो यह देश के लिए सही नहीं होगा।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दुष्कर्म के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत से दोषी ठहराए जाने के बाद हरियाणा में फैली हिंसा के लिए राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें तत्काल पद से बर्खास्त करने की मांग की।
मायावती ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि हरियाणा में भड़की हिंसा भाजपा सरकार की जबरदस्त लापरवाही और उसकी संलिप्तता को बयां कर रही है, जिसकी वजह से जान-माल की भारी क्षति हुई। मनोहर लाल खट्टर सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वोट की राजनीति के लिए भाजपा सरकार ने जिस तरह से डेरा समर्थकों के सामने ‘समर्पण’ किया, उसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है।
हिंसा में 30 से अधिक लोगों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा कि उच्च न्यायालय के सख्त और स्पष्ट निर्देश के बाद भी कानून-व्यवस्था बरकरार रखने में विफल रहने वाली ऐसी सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। लेकिन यह शर्मनाक है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस प्रकार के गंभीर मामले में भी गैर-जवाबदेह और लापरवाह बना हुआ है।
मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी ने एक बयान में कहा कि निर्दोष लोगों की जान बचाने में नाकाम रहने के लिए खट्टर को ‘तुरंत बर्खास्त’ करना चाहिए तथा राज्य की भाजपा सरकार को भंग करने की मांग की।
माकपा के पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि हिंसा की व्यापक आशंका के बावजूद भाजपा सरकार और हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पर्याप्त निवारक कदम नहीं उठाए। यह राज्य सरकार के कर्तव्य की गंभीर अवहेलना है, जिससे राज्य में कानून और व्यवस्था की पूर्ण विघटन की स्थिति पैदा की।
पार्टी ने कहा कि स्पष्ट है कि हरियाणा की राज्य सरकार ने सत्ता में बने रहने का अधिकार खो दिया है। मुख्यमंत्री खट्टर को बर्खास्त किया जाना चाहिए।