छोटे बच्चों में बड़ों की नकल करने के साथ जिज्ञासाएं भी बहुत अधिक होती हैं। उन्हें कुछ न कुछ करते रहने की आदत होती है। वे अनजाने में ही कई बार बड़ी समस्या खड़ी कर देते हैं, ऐसे में माता पिता को हमेशा ध्यान देने की आवश्यकता होती है कि उन का घर ‘चाइल्डफ्रैंडली’ हो।
इस बारे में एक्सपर्ट्स कि माने तो ताले का प्रयोग अलग अलग जगह के हिसाब से करना चाहिए। इस बात की जानकारी बहुत कम लोगों को होती है कि कौन सा ताला कहां लगाया जाए, लोग अधिकतर ताला उठाते हैं और अपने हिसाब से दरवाजा लौक कर के निकल जाते हैं। आजकल के बच्चे बहुत होशियार होते हैं, वे मातापिता की हर गतिविधि पर नजर रखते हैं। अगर उन से छिपा कर वे कुछ लौक कर के रखते हैं, तो उन की उत्सुकता और अधिक बढ़ जाती है और खाली घर पा कर वे उसे खोल लेते हैं। इस से कई बार जरूरी कागजात बच्चों के हाथ आ जाते हैं।
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ध्यान रखने योग्य बातें
घर के मेनगेट को अधिक महत्त्व देना चाहिए, ताला लगाने की जगह नीचे से एक मीटर की ऊंचाई पर होनी चाहिए, जिस से बच्चे का हाथ वहां तक आसानी से न पहुंच पाए। सिंगल बोल्ट नाइट लैच कभी न लगाएं, गलती से दरवाजा बंद होने पर लौक अपने आप अंदर से लग जाता है।
जिन के बच्चे छोटे हैं वे मेनगेट पर वर्टीबोल्ट, ट्विनबोल्ट या ट्राईबोल्ट का लौक लगवाएं, वर्टीबोल्ट लौक में लैचबोल्ट नहीं होने से दरवाजा अंदर से लौक नहीं होता। उस में एक नौब होती है जिसे घुमा कर दरवाजे को बंद या खोला जाता है जिसे बच्चे आसानी से प्रयोग नहीं कर सकते। ट्राईबोल्ट में भी लैच है लेकिन आधुनिक लौक होने की वजह से लैच को जरूरत के अनुसार इनऐक्टिव किया जा सकता है। इस से भी लौक होने का डर नहीं रहता, इस के अलावा अगर बच्चा छोटा है तो दरवाजे में डोरस्टौपर अवश्य लगाएं।
सैफ्टीडोर का लगवाना भी जरूरी है लेकिन इस के किनारे नुकीले न हों, इस का अवश्य ध्यान रखें। इस के अलावा कोई भी नया लॉक लगाने से पहले उस की तकनीक को अच्छी तरह जान लें।
चाइल्डफ्रैंडली होम के लिए बाथरूम के लॉक सिस्टम का सही होना बहुत जरूरी है, क्योंकि बच्चे अकसर बाथरूम में फंस जाया करते हैं। बेबी लैच और मोरटाइज थंब लौक या पुश बटन वाला लॉक लगाना अच्छा आॅप्शन है, जो जरूरत पड़ने पर एक रुपए के सिक्के की सहायता से बाहर से खोला जा सकता है। चाबियां हमेशा बाहर और एक निश्चित जगह पर रखी जानी चाहिए।
मैगनेटिक डोरकैच या डोरस्टौपर अवश्य लगवाएं ताकि हवा से दरवाजा अचानक बंद न हो जाए, डोरस्टौपर हर दरवाजे में हमेशा लगाना जरूरी है, इस से छोटे बच्चे भी किसी भी तरह की लॉक होने की घटना से बच सकता है। कई बार चुंबक वाले डोरकैच का चुंबक खराब हो सकता है, ऐसे में डोरस्टौपर दरवाजे को बंद होने से रोक सकता है।
ट्रैडिशनल रबर के डोरस्टौपर की जगह आजकल स्प्रिंग डोरस्टौपर ने ले ली है। रबर के डोरस्टौपर को बच्चा आसानी से ऊपर उठा कर दरवाजा बंद कर सकता है जबकि स्प्रिंगस्टौपर बच्चों के लिए मुश्किल होता है क्योंकि इस की तकनीक थोड़ी जटिल होती है।
इस के बाद रसोईघर की सुरक्षा सब से बड़ी होती है, चाकू, छुरी से ले कर कटलरी के सामान बच्चों को हानि पहुंचा सकते हैं। इस के लिए ड्राअर और रसोईघर की कोई भी इंटीरियर अच्छी क्वालिटी के मैटेरियल से करनी चाहिए। इसके अलावा आजकल रसोईघर में सौफ्टपुश हार्डवेयर का प्रयोग किया जाता है, जो बच्चों के लिए सुरक्षित होता है, जिस से ड्राअर बंद करते समय या खोलते समय बच्चे की उंगलियों में चोट नहीं लगती।
अगर घर में बालकनी हो तो उस की ऊंचाई एक मीटर से अधिक होनी चाहिए। इस में शीशे की रेलिंग काफी अच्छी होती है। आजकल ग्लास भी अच्छी क्वालिटी के प्रयोग किए जाते हैं, जो ‘अनब्रेकेबल’ होते हैं। ये छोटे बच्चे के लिए सुरक्षित होते हैं, किसी भी कैमिकल कोटेड हार्डवेयर का प्रयोग इंटीरियर में कभी न करें।