मुंबई। बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फड़णवीस राज्य के नए सीएम होंगे। उन्हें मंगलवार को पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया। देर शाम फड़णवीस ने राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश किया। बीजेपी वैसे तो महाराष्ट्र में इसके पहले शिव सेना के साथ सरकार में शामिल रही है। लेकिन पहली बार भाजपा का मुख्यमंत्री राज्य सरकार का नेतृत्व करेगा।…
इससे पहले पार्टी के नवनिर्वाचित 121 विधायकों की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित पार्टी नेता राजीव प्रताप रूडी, ओ.पी. माथुर और जे.पी. नड्डा मौजूद थे।
नागपुर के रहने वाले 44 वर्षीय फड़णवीस ने राज्य में अपने संरक्षक रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पीछे छोड़ते हुए राज्य में अहम पद हासिल कर लिया। गडकरी हालांकि खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताते रहे हैं।
राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा 122 सीटों पर जीत हासिल करते हुए सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं। भाजपा हालांकि जरूरी बहुमत से थोड़ा पीछे रह गई।
इस बीच भाजपा की एक सीट अप्रत्याशित रूप से घट गई। विधायक जी.एम. राठौड़ की सोमवार को ह्वदयगति रूकने से मौत हो गई, जिससे भाजपा के राज्य में अब 121 विधायक रह गए।
भाजपा को राष्ट्रीय समाज पक्ष के एकमात्र विधायक और शिवसेना का समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा भाजपा को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राका ंपा) की तरफ से भी बिना शर्त बाहर से समर्थन मिला हुआ है।
राज्यपाल सी.वी. राव 31 अक्टूबर को वानखेड़े स्टेडियम में फड़णवीस और उनके मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित लगभग 30,000 अतिथि शामिल होंगे।
नागपुर के निवासी फडणवीस के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से गहरे संबंध हैं। राज्य के 62 वर्षो के इतिहास में ऎसा दूसरी बार होगा, जब यहां गैर कांग्रेसी सरकार बनेगी।
मनोहर जोशी तथा बाद में नारायण राणे के नेतृत्व में 1995-99 के बीच शिव सेना तथा भाजपा की गठबंधन सरकार महाराष्ट्र में राज कर चुकी है। बम्बई स्टेट को एक मई, 1960 को दो भागों में विभाजित कर महाराष्ट्र तथा गुजरात राज्य बनाया गया था।
तत्कालीन बम्बई स्टेट के पहले मुख्यमंत्री बी.जी.खेर थे, जिन्होंने 15 अगस्त, 1947 से 21 अप्रैल, 1952 तक शासन किया। उसके बाद मोरारजी देसाई पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने, जिन्होंने 21 अप्रैल, 1952 से 31 अक्टूबर, 1956 तक शासन किया। 1977-78 के बीच देसाई भारत के प्रधानमंत्री भी बने। वाई.वी.चव्हाण ने राज्य में तीन बार मुख्यमंत्री के रूप में शासन किया।