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जांच में आई सत्यता, एमआईपी में डूबी किसानों की बिना अवाप्त जमीन – Sabguru News
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जांच में आई सत्यता, एमआईपी में डूबी किसानों की बिना अवाप्त जमीन

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जांच में आई सत्यता,  एमआईपी में डूबी किसानों की बिना अवाप्त जमीन
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट के तहत कैलाशनगर-चतुर्थ और झाडोली वीर के प्रोजेक्ट में जांच समिति को जबरदस्त अनियमितताएं मिली हैं। इसमें किसानों का वह आरोप भी सत्य पाया गया, जिसमें उन्होंने जिला कलक्टर को बताया था कि उनकी जमीन अवाप्त किए बिना ठेकेदार ने कार्य कर दिया और उनके खेतों को नुकसान पहुंचाया। पूर्व विधायक संयम लोढा के द्वारा दिए गए ज्ञापन के बाद जिला कलक्टर लक्ष्मीनारायण मीणा की ओर से बनाई जांच समिति की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए हैं।

निर्धारित समय से काफी देरी से सौंपी गई रिपोर्ट में जांच समिति ने दो माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्टों को निरीक्षण किया। इसमें कैलाशनगर चतुर्थ और झाडोलीवीर के एमआईपी शामिल हैं। मंडल वन अधिकारी शशिशंकर पाठक की अध्यक्षता में बनाई गई इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कैलाशनगर चतुर्थ एमआईपी को डीपीआर में स्वीकृत स्थानों से इतर बताया गया है।

समिति ने बिंदुवार दी गई अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस इरिगेशन प्रोजेक्ट बनाने के लिए किसानों की भूमि को अवाप्त नहीं किया गया, जिससे किसानों की भूमियों को नुकसान पहुंचा है। वहीं किसानों के रोष को शांत करने के लिए विरोध उठने पर प्रोजेक्ट के अलाइनमेंट को बार-बार बदला गया, इससे पुरानी संरचनाओं को भी नुकसान पहुंचाया गया। इसी तरह झाड़ोलीवीर के प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने पर यह सामने आया कि वहां रास्ता ही डूब में आ गया है, इस रास्ते की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।

डूब क्षेत्र के संबंध में ग्रामीणों की गलत जानकारी दी गई जितनी निर्धारित भूमि थी उससे ज्यादा भूमि डूब में आई है। जांच समिति ने बताया कि कैलाशनगर चतुर्थ में अलाइनमेंट और डीपीआर में निर्धारित स्थान दोनों में भिन्नता है जबकि झाडोलीवीर एमआईपी में सिर्फ अलाइनमेंट में अंतर है।
जांच समिति ने बताया कि दोनों ही एमआईपी के लिए भूमि अधिग्रहण करने का नोटिफिकेशन निकाला गया था, लेकिन कैलाशनगर चतुर्थ में एमआईपी के अलाइनमेंट और डीपीआर दोनों में परिवर्तन करने से इसमें अवाप्त की गई भूमि के अलावा भूमि शामिल हो गई है।

वहीं झाडोलीवीर में डूब क्षेत्र का सही आंकलन नहीं किए जाने से निर्धारित अवाप्त भूमि से ज्यादा भूमि डूब गई है, इनमें कईयों की भूमि अधिग्रहित नहीं हो पाई है।  जांच समिति में वाटरशेड के परियोजना प्रबंधक बीके पुरोहित, सिरोही जल संसाधन खण्ड के एक्सईएन प्रकाशकुमार, जिला परिषद के अधिशासी अभियंता हरीश वजनानी व रामपाल रणवा शामिल थे।

-किसानों ने दर्ज करवाई है एफआईआर
इस प्रकरण में कई किसानों ने बरलूट थाने में सुमरेपुर जल संसाधन खंड के एक्सईएन, एईएन और इन माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट को बनाने वाले इंजीनियरों के खिलाफ उनकी भूमि को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज करवाया है।

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