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देवनगरी से शुरू हुआ मरूधरा को हरियाला बनाने का सफर - Sabguru News
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देवनगरी से शुरू हुआ मरूधरा को हरियाला बनाने का सफर

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देवनगरी से शुरू हुआ मरूधरा को हरियाला बनाने का सफर

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सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरणवा पहाड़ी की गोद में विराजे सारणेश्वर महादेव के मंदिर परिसर में रविवार को नजारा कुछ अलग था। अनेक लोग समूह में यहां-वहां पौधे लगाने में व्यस्त थे।

कोई पौधे लगा रहा था तो कोई उन्हें पानी पिला रहा था। मौका था अपना संस्थान (अमृता देवी पर्यावरण नागरिक संस्थान) की प्रेरणा से जालोर-सिरोही विकास परिषद की ओर से प्रदेश को हरा-भरा बनाने के अनूठे पौधरोपण महाअभियान की शुरुआत का। अतिथियों ने यहां पौधे लगाए तथा उनके सार-संभाल की जिम्मेदारी भी ली।

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-बेटी और पेड़ बचाने पर दिया जोर
यहां से सभी अतिथि अरविंद पैवेलियन पहुंचे जहां मुख्य समारोह हुआ। इसमें शनिधाम के संस्थापक महामंडलेश्वर मदन दाती महाराज ने कहा कि पेड़ लगाओ, अच्छी बात है, लेकिन उनकी सार-संभाल भी करो। उन्होंने पांडाल में बैठे करीब चार हजार लोगों के हाथ ऊंचे करवा कर उनसे संकल्प लेने को कहा कि वे कम से कम एक पेड़ जरूर लगाए। उन्होंने बदलते पर्यावरण पर चिंता जताते हुए कहा कि मनुष्य प्रकृति से जितना दूर हुआ, उसकी समस्याएं उतनी ही बढ़ती चली गई।

हमारे जीवन का आधार ही शुद्ध पर्यावरण है और उसे ही मनुष्य ने अपने लालच के चलते छिन्न-भिन्न कर दिया। ऐसा करके मनुष्य अपने आप से ही दूर हो गया। जीवन का मोल भूल गया। उन्होंने इसके साथ ही मानसिक पर्यावरण को भी शुद्ध रखने की सीख दी। उन्होंने स्व. किशोर खीमावत को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कई साल पहले पौधे लगाने का काम शुरू किया तो उसी समय मैंने बेटी बचाने का बीड़ा उठाया।

मुझे खुशी है कि मैं आज 700 बेटियों का पिता हूं। उन्होंने कहा कि पेड़ और बेटी को नहीं बचाया तो हमारा सब कुछ खो जाएगा। हम विनाश की ओर जा रहे हैं। इस राह से लौटना होगा।

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-दिया वृक्ष मित्र पुरस्कार
समारोह में रानी के भामाशाह स्व. किशोर खीमावत को गोडवाड़ क्षेत्र में कई साल पहले हजारों पौधे लगाने और उन्हें पल्लवित करने के लिए मरणोपरांत वृक्ष मित्र पुरस्कार प्रदान किया गया। उनके परिवार के सदस्य विदेश में होने के कारण यह पुरस्कार मोन्टेक्स समूह के सीईओ रमण भाई जैन ने स्वीकार किया तथा उनके परिवार तक यह पुरस्कार पहुंचाने की जिम्मेदारी जालोर-सिरोही विकास परिषद के अध्यक्ष गोविंद पुरोहित ने ली।

समारोह में सौ से अधिक पेड़ लगाने के संकल्प कर आर्थिक सहयोग देने वाले भामाशाहों का भी सम्मान किया गया। मुंबई के मीरा भायंदर से आए शिवसेना के शहर उप प्रमुख मीरा-भाइंदर शंकर वीरकर की ओर से इस आयोजन में पौधे लगाने व अन्य सहयोग के लिए 21 लाख रुपए देने की घोषणा की गई।

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-ये बोले प्रचारक दुर्गादास
मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ राजस्थान के प्रचारक दुर्गादास ने कहा कि अपना संस्थान ने जो बीड़ा उठाया है, वह एक तरह से भगवान जगन्नाथ के रथ को लेकर चलने जैसा है। इसमें सभी का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने आजादी से पूर्व मारवाड़ में पेड़ों को कटने से बचाने के लिए परिवार सहित प्राणों की आहूति देने वाली अमृता देवी का जिक्र करते हुए उनके नाम पर शुरू किए गए अपना संस्थान के नाम की व्याख्या भी की।

समारोह के मुख्य अतिथि लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रकाश चंद्र ने कहा कि पर्यावरण पूरी दुनिया की चिंता बन चुका है।  पेड़ लगाने ही होंगे, और एक सौ या दो सौ से काम नहीं चलेगा, हजारों-हजार पेड़ लगाने होंगे। उन्होंने भारतीय संस्कृति का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमें पेड़ों की पूजा करना सिखाया, तुलसी-पीपल जैसे पेड़ों को पानी पिलाना सिखाया। हम उस सीख को भूलते जा रहे हैं।

विशिष्ट अतिथि मोन्टेक्स समूह के एमडी रमण भाई जैन ने कहा कि पौधे लगाकर उनकी सार-संभाल की जिम्मेदारी भी लेनी होगी। अन्यथा पौधे तो खूब लगा देंगे, लेकिन वे पनपे या नहीं, इस तरफ ध्यान नहीं होगा। ऐसे में सारी मेहनत बेकार चली जाएगी। उन्होंने गांवों में गोचर-ओरण का जिक्र करते हुए कहा कि हमें इनका गौरव फिर से लौटाना होगा। अन्यथा आने वाली पीढिय़ों को ईमली, पीपल, बड़े जैसे पेड़ किताबों में देखने को मिलेंगे।

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-पौधे लगा कर पनपाने तक की होगी जिम्मेदारी
समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपना संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष ललित शर्मा ने बताया कि अपना संस्थान को बने कुछ ही माह हुए हैं। हमने जिला स्तर पर इकाइयां बना ली हैं। जल्द ही हम तहसील स्तर की इकाइयों के गठन का काम भी पूरा कर लेंगे और ग्राम पंचायत स्तर तक संगठन को ले जाएंगे ताकि गांवों में लगाए जाने वाले पौधों की स्थानीय स्तर पर मानिटरिंग हो सकेगी। उन्होंने कहा कि पौधे लगाने के बाद उनके पनपाने तक की पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
प्रारंभ में राजेश त्रिवेदी ने स्वस्ति वाचन प्रस्तुत किया।

अपना संस्थान के सचिव भीलवाड़ा से आए विनोद मेलाना ने बताया कि उनकी टीम अब तक 80 हजार पौधे लगा चुकी है, इसलिए काम ज्यादा कठिन नहीं है, बस मन बना लेने की जरूरत है। हमारा लक्ष्य है कि बारिश आने से पहले गड्ढ़े खोदने का काम पूरी कर लें ताकि जमीन की उर्वरा शक्ति का उपयोग हो सके और बारिश आने से पहले पौधे लगाए दिए जाएं। बारिश इन पौधों के लिए संजीवनी का काम करेगी।
-तुरा बोले प्रवासियों को एकमंच पर लाना है लक्ष्य
जालोर-सिरोही विकास परिषद के संस्थापक अध्यक्ष रतन सिंह राठौड़ तूरा ने कहा कि मुंबई में जालोर-सिरोही के प्रवासियों के रूप में मिनी राजस्थान बसता है। हमारा उद्देश्य है कि प्रवासियों को एक जाजम पर लाएं तथा उनकी समस्याओं के समाधान के लिए काम करें।

अपना संस्थान के साथ कंधे से कंधा मिला कर पेड़ लगाने तथा हर तरह से सहयोग करने में आगे रहेंगे। परिषद के अध्यक्ष गोविंद पुरोहित ने भामाशाहों के नाम लेकर उन्हें मंच पर आमंत्रित किया तथा अतिथियों के हाथों से उनका सम्मान करवाया।
-तख्तियां में पर्यावरण बचाने का संदेश
समारोह में खमूराम पर्यावरण सेवक दल के पांच कार्यकर्ता लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहे। सांचौर से आए इन कार्यकर्ताओं ने धवल कपड़ों और पगड़ी पहनी थी। इनके गले में लटकी तख्तियों पर लिखा था, ‘पालीथिन का उपयोग न करेंÓ, ‘साफ-सफाई रखेंÓ ‘पर्यावरण को बचाएं, वृक्ष लगाएं।Ó राजस्थान पेंशनर समाज की सिरोही जिला इकाई के पर्यावरण प्रकोष्ठ से जुडे समस्त पेंशनर भी समारोह में शामिल हुए। अपना संस्थान के विभाग सह संयोजक अशोक चतुर्वेदी ने अतिथियों का परिचय करवाया।

नारायण सिंह डाबी, खीमाराम, मोहन पुरोहित, नारायण पुरोहित, अशोक सिंह, हंसराज, जयगोपाल पुरोहित एवं अपना संस्थान के प्रांतीय अध्यक्ष ललित शर्मा ने माला साफा पहना अतिथियों का स्वागत किया। परिषद के अध्यक्ष गोविंद पुरोहित ने दाती महाराज को शॉल ओढ़ा कर उनका सम्मान किया। इससे पहले आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक सिरोही के आचार्य दिनेश कुमार ने गीत ‘नदियां कहती बढ़े चलोÓ सुनाया।
-बहुमान भी किया
कार्यक्रम में रमण भाई जैन, शंकर वीर कर, मंगल प्रभात लोढ़ा, नरेन्द्र मेहता, नरेश मेहता, बाबूजी महाराज, हीरालाल दोसी, रतन सिंह राठौड़, मुकेश कुमार अचलानी, दलीचंद शाह, ईश्वर सिंह करणोत, माली, ईश्वर लाल लखारा, गोविंद पुरोहित, नारायण पुरोहित, पहाड़सिंह सुराणा, मेघराज चौधरी, दर्जेश चौधरी, करसन पुरोहित, नरेश पुरोहित, जीतू भाई चौधरी, रतना जी पादरा, पिंटू कुमावत, बलवंत पुरोहित, नीलेश चौधरी, कुशाल चौधरी, रूपसिंह राठौड धाणसा, मलसिंह बालावाड़ा, रमेश पुरोहित, नानजी वाली, सुनील पुरोहित, हरीश कुमावत, ईश्वर बोराना, जबरदान गोमई, शैतान सिंह सोनगरा, दलपत पुरोहित, सुरेश पुरोहित धनपुरा, भरत भाई पाताजी पुरोहित, जीतू भाई जैन, जीतेन्द्र जैन पामेरा, ईश्वर बोराणा, देवेन्द्रजी मोहब्बत नगर, लक्ष्मण चौधरी, उम्मेद सिंह ओरिया सहित अनेक भामाशाहों को सम्मानित किया गया। जो लोग सम्मान लेने नहीं पहुंच सके, उनके प्रतिनिधियों ने पुरस्कार प्राप्त किया। महेन्द्र भाई उम्मेदपुर ने 1000 तथा श्रवण सिंह राव ने 2500 वृक्ष लगाने का संकल्प लिया।