जयपुर। राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य के सरकारी विद्यालयों को इस रूप में विकसित किया जाए कि आम जन निजी की बजाय सरकारी विद्यालयों में अपने बच्चों को प्रवेश के लिए उत्सुक रहें।
उन्हाेंने इस सबंध में प्रदेश के विद्यालयों को देशभर के लिए मॉडल और मार्गदर्शी बनाए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि सभी मिलकर प्रयास करेंगे तो यह कोई असंभव नहीं है। देवनानी शुक्रवार को शिक्षा संकुल में राज्य के जिला शिक्षा अधिकारियों की विशेष समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी पंचायत मुख्यालयों पर कम से कम एक आदर्श विद्यालय का चिन्हिकरण शिक्षा अधिकारी करें। उसे कैसे और किस प्रकार से विकसित किया जाना है, इस संबंध में आगामी 15 दिसम्बर तक विभाग को सूचना मिल जाए।
देवनानी ने बोर्ड परीक्षा परिणामों में सरकारी विद्यालयों की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विद्यालय में शिक्षा में गुणवत्ता से संबंधित कि सी भी प्रकार की कमी है तो अधिकारी उसे त्वरित ठीक करने के लिए प्रयास प्रारंभ कर दें। शिक्षक विद्यालयों में पढ़ाई कराने के लिए अपने आपको समय के अनुसार तैयार करें। अच्छे परिणाम आएंगे तो उन्हें शीघा्र पदोन्नति और दूसरे लाभ मिलेंगे परन्तु खराब परिणाम पर कठोर क ार्यवाही भी करने में कोई कसर नहीं रखी जाएगी।
उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को प्रदेश में विद्यालयों के निरीक्षण की सुदृढ़ प्रणाली विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्हाेंने कहा कि अधिकारी किसी विद्यालय का निरीक्षण करें तो वह औपचारिकता भर नहीं हो, उसका परिणाम भी बाद में दिखना चाहिए। कमी कोई है तो उसको दुरस्त जब तक नहीं किया जाएगा, निरीक्षण का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने विद्यालयों और जिला कार्यालयों में कार्यरत संस्थापन क्लर्क को 2-3 साल में लेने के अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्हाेंने कहा कि भ्रष्टाचार की किसी भी शिकायत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहीं किसी प्रकार की मनमानी की शिकायत पाई गई तो उस पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि किसी स्तर पर यदि भ्रष्टाचार की कोई शिकायत आती है तो उससे संबंधित उस व्यक्ति ही नहीं बल्कि उससे जुड़े तमाम लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
देवनानी ने कहा कि शिक्षा अधिकारी इस बात के लिए प्रयास करें कि सरकारी विद्यालयों में प्रवेश बढे। वहां पर गुणवत्ता की शिक्षा विद्यार्थियों को दी जाए। हम सभी मिलकर यह प्रयास करें कि प्रदेश का एक भी स्कूल शौचालय विहीन नहीं रहे तथा वहां पढ़ाई के माकूल इन्तजाम हों। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी जिलों में स्वयं जाएंगे। उन्होंने कहा कि वह स्वयं माह में एक दिन एक जिले की बैठक उसी जिले में ही लेने का प्रयास आगामी दिनों में करेंगे ताकि स्थानीय स्तर की किसी भी समस्या को वहीं का वहीं निपटा दिया जाए।
देवनानी ने बताया कि प्रदेश के स्कूलों को बेहतरीन करने के लिए आगामी वर्षो मे 4 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। राज्य सरकार चाहती है कि प्रदेश के विद्यालय देशभर में आदर्श के रूप में पहचाने जाएं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों विभिन्न निर्माण कार्यो के लिए 800 करोड़ की योजना पर कार्य किया जा रहा है। जल्द ही इसके परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि विकास के कार्य आंकड़ों में नहीं व्यवहार में होने चाहि ए। शिक्षा अधिकारी इसे प्रभावीरूप में सुनिश्चित करें। स्कूलों में स्थानान्तरण, पदोन्नति के अलावा कोई भी अन्य प्रकरण हों, उनका समयबद्घ निस्तारण किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को जिलेवार विद्यालयों का डेटाबेस बनाने के भी निर्देश दिए।