हरिद्वार। अर्द्धकुम्भ मेले के प्रथम स्नान मकर संक्रांति पर्व पर मेला प्रशासन की अपेक्षा काफी कम श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं से अधिक पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों के जवान घाटों पर सड़कों पर नजर आए।
सुरक्षा के लिहाज से मेला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। गंगा स्नान का सिलसिला सुबह चार बजे से शुरू हो गया था। करीब एक लाख के लगभग लोगों ने गंगा में डूबकी लगा पुण्य अर्जित किया। स्नान के पश्चात श्रद्धालुओं ने दान-पुण्य आदि कर्म भी किए।
अर्द्धकुम्भ मेले के प्रथम स्नान सूर्य के उत्तरायण में आने का पर्व मकर संक्रांति स्नान पर्व तीर्थनगरी हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर पुण्य की डुबकी लगाई। सुबह से ही गंगा स्नान का सिलसिला शुरू हो गया था।
मेले के प्रथम स्नान पर्व पर मेला प्रशासन की अपेक्षा श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रही। करीब तीन लाख लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई। जबकि प्रशासन ने श्रद्धालुओं के आने का अनुमान 10 से 15 लाख लगाया था।
भारी भीड़ व आंतकी घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए मेला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। शिवमूर्ति से आगे दुपहिया वाहनों का प्रवेश भी वर्जित किया गया था। वाहन प्रतिबंधित होने के कारण बुजुर्ग श्रद्धालुओं को खासी परेशानी उठानी पड़ी।
मेला प्रशासन ने हरकी पैड़ी को सुरक्षा के लिहाज से छावनी में तब्दील किया था। भीड़ भाड़ वाले व मुख्य स्थानों का भी ऐसा ही कुछ हाल था। सुरक्षा में मेला प्रशासन ने दिन-रात की दो पारियों में नागरिक पुलिस के लगभग 1400 राजपत्रित-अराजपत्रित अधिकारी, कर्मचारी लगाये थे।
अर्द्ध सैनिक बलों में आईटीबीपी, एसएसबी, सीआईएसएफ, आरएएफ, सीआरपीएफ की तीन-तीन कम्पनियां तैनात की गई थीं। 05 कम्पनी उत्तराखण्ड आईआरबी, 12 कम्पनी उत्तराखण्ड पीएसी, 12 कम्पनी उत्तर प्रदेश पीएसी की तैनात की गई थीं।
होमगार्ड के 01 जिला कमाण्डेन्ट सहित लगभ 556 होमगार्डस के अधिकारी-कर्मचारी मकर संक्रान्ति के स्नान पर्व पर डयूटीरत रहे। स्नान पर्व पर उत्तराखण्ड से 01 अपर राज्य रेडियो अधिकारी, 04 सहायक रेडियो अधिकारी सहित 160 अधिकारी-कर्मचारी तथा उत्तर प्रदेश से 40 हेड आॅपरेटर संचार व्यवस्था की कमान संभाले थे।
संचार व्यवस्था के लिए सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में थाना, चैकी, चेक पोस्टों, बेरियर, शाखाओं सहित लगभग 123 स्टेटिक वायरलेस सेट लगाए गए थे और 171 हेण्ड हेल्ड वायरलेस सेट अधिकारी-कर्मचारी को वितरित किए गए थे।
सीमावर्ती राज्यों के जनपदों से बेहतर तालमेल एवं सम्पर्क बनाए रखने के लिए बिजनौर, सहारनपुर एवं मुजफ्फरनगर के 08 सरहदी थाना, चैकियों पर उत्तराखण्ड संचार पुलिस द्वारा अपने वाॅयरलैस सेट लगाए थे। इसके अलावा सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में 24 घंटे निगरानी के लिए लगभग 82 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। 03 ड्रोन कैमरों के माध्यम से मेले के दौरान लगातार हवाई निगरानी की जाती रही।
प्रथम स्नान पर्व पर सटीक अभिसूचना संकलन की जिम्मेदारी विशेष शाखा के 01 पुलिस उपाधाीक्षक, 01 निरीक्षक सहित लगभग 30 अधिकारी, कर्मचारी तथा स्थानीय अभिसूचना ईकाई के 06 निरीक्षक सहित 164 अधिकारी-कर्मचारी तैनात थे।
हर की पैड़ी क्षेत्र में किसी भी आपराधिक व्यक्ति, वस्तु के प्रवेश को रोकने के लिए 07 डीएफएमडी एवं 80 एचएचएमडी के माध्यम से अभिसूचना ईकाई के अधिकारी, कर्मचारी लगातार चैकिंग-फ्रिस्किंग पर थे।
इसके अलावा विभिन्न प्रदेशों के अपराधियों को पहचाने के लिए हिमाचल, हरियाणा, मध्य प्रदेश एवं चण्डीगढ़ सेे आए 08 स्पोटर्स, वाचर्स की भी कुम्भ मेला क्षेत्र मे नियुक्ति की गई थी।
आग की घटनाओं को रोकने के लिए 02 मुख्य अग्निशमन अधिकारी, 04 अग्निशमन अधिकारी सहित 181 अधिकारी, कर्मचारी तथा उत्तर प्रदेश से 20 कर्मचारी तैनात थे। अन्य सुरक्षा सम्बन्धित तैयारियों के अंर्तगत अर्द्ध कुम्भ मेला पुलिस ने अपने कन्ट्रोल रूम में अत्याधुनिक उपकरणों को स्थापित किया था।
मेले के दौरान आपराधिक, आतंकवादी, असामाजिक तत्व को पहचानने के लिए संदिग्ध व्यक्तियों के फोटोग्राफ डाले गए हैं जिससे मेला क्षेत्र में प्रवेश करने पर ऐसे लोगों की पहचान हो सके।
मेला क्षेत्र में संवेदनशील स्थानों पर बुलेट प्रुफ जैकेट-हेलमेट, एक्स-95 राईफल, इन्सास एलएमजी, ग्लाॅक पिस्टल, हैण्ड ग्रेनेड एवं कार्नर शाॅट गन जैसे अत्याधुनिक अस्त्र-शस्त्रों से लैस आतंकवाद निरोधक दस्ते की तैनाती भी की गई थी।
घुड़सवार पुलिस द्वारा भी मेला क्षेत्र में लगातार पेट्रोलिंग की गई। अतिसंवेदनशील स्थानों पर नाईटविजन डिवाईस, वाॅकी-टाॅकी, बाईनाकुलर एवं स्नाईपर राईफल से लैस स्नाईपर भी तैनात किए गए थे। कुम्भ मेला के क्षेत्र में बम, विस्फोटक पदार्थ अथवा अन्य किसी भी वस्तुओं की खोजबीन के लिए 17 बम निरोधक-डाॅग स्क्वायड की टीमें लगाई गई थीं।
हर की पैड़ी के सभी प्रवेश द्वारों पर डीएफएमडी एवं हेण्ड हैल्ड मैटल डिटेक्टर से जांच के बाद प्रवेश करवाया गया। वाॅच टाॅवर्स एवं हिल बाईपास से सम्पूर्ण हर की पैड़ी क्षेत्र पर पुलिस द्वारा निगाह रखी गई।
चाक चैबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्नान करवाया जा रहा है। शुक्रवार को भी संक्रांति पर्व होने के कारण स्नान पर्व शनिवार को भी रहेगा। समाचार लिखे जाने तक स्नान का सिलसिला जारी था।