नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिस निजी एयरलाइन कंपनी के विमान में सवार थीं, उसमें कम ईंधन का मुद्दा गुरूवार को राज्यसभा में उठा।
नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही सांसदों ने नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा से इस गंभीर मुद्दे पर बयान देने और कार्रावाई करने की मांग की।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने सदन को बताया कि ट्रैफिक के वक्त विमान हवा में करीब 30 मिनट तक रहता है। ममता बनर्जी सहित दो और विमानों ने कोलकाता हवाई अड्डे पर उतरने से पहले कम ईंधन की बात कही।
उन्होंने कहा कि विमान में हमेशा इतना ईंधन होता है कि वह 30-40 मिनट तक हवा में रह सके या आपातकाल की स्थिति में किसी अन्य हवाई अड्डे पर उतर सके। यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है। हम जांच करेंगे कि तीनों विमानों ने कम ईंधन होने की शिकायत क्यों की।
यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए डीजीसीए ने तीन विमानों की कम ईंधन की शिकायत पर जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विमान में सवार किसी को कोई खतरा नहीं था। सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया।
सभी नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है। सरकार उससे समझौता नहीं कर सकती। अगर किसी नियम का उल्लंघन हुआ है तो हम उस पर कार्रवाई करेंगे।
इससे पहले बहुजन समाज पार्टी की सांसद मायावती ने कहा कि विमान लैंडिंग के दौरान कम ईंधन का यह बहुत ही गंभीर और संवेदनशील मामला है। जो हुआ हम उसकी निंदा करते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार इस गंभीर मामले की जांच करे। यह विपक्षी दलों के लोगों के लिए खतरनाक स्थिति है।
पूरे मामले पर जेडीयू सांसद शरद यादव ने कहा कि उस यात्री विमान में मुख्यमंत्री सवार थीं। जब पायलट ने कहा कि इसमें कम ईंधन है, फिर भी विमान लैंडिंग में देरी हुई। मेरा अनुरोध है कि इसकी जांच होनी चाहिए और सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।