धर्मशाला। जम्मू कश्मीर के बाद अब उत्तर भारत में हिमाचल दो राजधानियों वाला दूसरा प्रदेश होगा। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गुरुवार को धर्मशाला को हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी घोषित किया है।
गौरतलब है कि ब्रिटिश इंडिया की ग्रीष्मकालीन राजधानी रही शिमला वर्तमान में हिमाचल की राजधानी है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा मीडिया में प्रकाशित उन समाचारों के बाद की है, जिनमें उल्लेख किया गया था कि प्रदेश सरकार धर्मशाला को वर्ष में दो माह के लिए राज्य की शीतकालीन राजधानी बनाने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि धर्मशाला का अपना अलग महत्व तथा इतिहास है और यह प्रदेश की दूसरी राजधानी बनने के लिए उपयुक्त स्थल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों, जिसमें कांगड़ा, चम्बा, हमीरपुर तथा ऊना जि़ले भी शामिल हैं, के लिए धर्मशाला का विशेष महत्व है।
उन्होंने कहा कि धर्मशाला धर्मगुरू दलाई लामा का निवास स्थान भी है तथा विश्वभर से लोग यहां आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसम्बर 2005 में शिमला से बाहर हिमाचल प्रदेश विधानसभा का पूर्ण शीतकालीन सत्र आयोजित किया गया था।
तपोवन में पहले ही विधानसभा भवन कार्य कर रहा है, जिसकी आधारशिला उन्होंने अपने पूर्व शासनकाल के दौरान वर्ष 2006 में रखी थी। धर्मशाला में 2005 से ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 12 शीतकालीन विधानसभा सत्रों को आयोजित करने का गवाह रहा है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने ही वर्ष 1994 में लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का निवारण करने तथा क्षेत्र में विकास कार्यों की प्रगति को देखने के लिए वार्षिक शीतकालीन प्रवास की प्रथा आरम्भ की थी।
धर्मशाला को फरवरी में दूसरी राजधानी का अमलीजामा पहनाएं
परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि धर्मशाला में शीतकालीन राजधानी की घोषणा को इसी सत्र फरवरी महीने से अमलीजामा पहना देना चाहिए। धर्मशाला में पत्रकारों से अनौपचारिक वार्ता के दौरान परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का धर्मशाला को शीतकालीन राजधानी बनाए जाने का फैसला स्वागत योग्य है।
बाली ने कहा कि यह चिरलंबित मांग थी जिसे मुख्यमंत्री पूरा करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं इसके बारे में जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलूंगा और उनसे धर्मशाला को शीतकालीन राजधानी बनाने के लिए जल्द ही नीतिगत निर्णय लेने का आग्रह करूंगा, क्योंकि इसी साल विधानसभा चुनाव भी होंगे।
ऐसे में अगले वर्ष चुनाव होने की वजह से कहीं यह शिगूफा न बन जाए इसलिए मुख्यमंत्री से मिलकर मैं आग्रह करूंगा कि धर्मशाला में शीतकालीन राजधानी की घोषणा को इसी सत्र फरवरी महीने से अमलीजामा पहना देना चाहिए।
सरकार के सभी मंत्री और सचिव फरवरी का पूरा माह धर्मशाला में बैठें और इसकी घोषणा 25 जनवरी को पूर्ण राज्यत्व दिवस पर कर देनी चाहिए। बाली ने कहा कि शीतकालीन राजधानी का कामकाज चलाने के लिए धर्मशाला में पूरा संगठनात्मक ढांचा खड़ा है। दो सचिवालय के भवन यहां पर बने हैं।
विधानसभा परिसर भी धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में है। इनमें मंत्रियों और सचिवों के बैठने के लिए कमरे बने हुए हैं। गौरतलब है कि इन दिनों मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कांगड़ा के प्रवास पर हैं। जबकि कांगड़ा जिला से संबंध रखने वाली परिवहन मंत्री जीएस बाली उनसे दूरी बनाए हुए हैं।