ग्वालियर। गैंगस्टर हरेंद्र राणा के दुश्मनों को मारने के लिए रैकी करने वाले धर्मेंद्र कुशवाह को एनकाउंटर में मारने के बाद इसके तीन और साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इनके कब्जे से एक पिस्टल, एक अधिया और एक कट्टा मिला है। वे इन हथियारों का उपयोग गवाहों को मारने में करना चाहते थे। यह बदमाश गवाहों की हत्या करने के बाद हरेंद्र राणा और मनीष कोली को जेल से फरार कराने की योजना बनाकर आए थे। हत्या करने के लिए उत्तरप्रदेश से आया एक शार्प शूटर भाग निकला। पुलिस को एनकाउंटर में मारे गए धर्मेंद्र और हरेंद्र तथा इनके गुर्गों के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी बदमाशों के मोबाइल फोन से मिली है।
पुलिस को जानकारी मिली थी कि हरेंद्र राणा ने अपने दुश्मन पंकज भदौरिया और अपने राइट हैंड मनीष कोली के दुश्मन ओंकार जाट की हत्या के लिए शूटर भेजे हैं।
सूचना मिलते ही पुलिस ने घेराबंदी की तो शीतला माता रोड पर बदमाशों से मुठभेड़ हुई थी जिसमें धर्मेंद्र कुशवाह मारा गया था जबकि इसके दो साथी भाग निकले थे। पुलिस को पता चला था कि हरेंद्र के लिए रैकी करने वाला और बदमाशों को अपने किराए के कमरे में पनाह देने वाला राहुल बुंदेला निवासी पृथ्वीपुर टीकमगढ़ फूलबाग पर मौजूद है। इस सूचना पर पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया।
इनके कब्जे से एक 32 बोर की पिस्टल भी मिली थी। पूछताछ के दौरान इसने अपने दो साथियों जितेंद्र उर्फ लालू कोली और निशु वर्मा निवासी सुभाष नगर, हजीरा के नाम भी बताए। यह दोनों भी हरेंद्र राणा के दुश्मनों की रैकी करने और मौका मिलते ही इन पर हमला करने वाले थे। पुलिस ने इन्हें दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया।
राहुल के बारे में पता चला है कि वह यहां पर पढ़ाई करने के लिए आया था, दो साल पहले मनीष कोली के गिरोह से जुड़ गया। पुलिस को यह भी पता चला है कि धर्मेंद्र के साथ पकड़े गए बदमाश पिछले पंद्रह दिन से फर्रुखाबाद जेल में जा रहे थे। धर्मेंद्र कुशवाह लालू जाट की फर्जी आईडी के जरिए कई बार मनीष और हरेंद्र से मिलने के लिए जेल में गया था।
गवाह ने कहा, धर्मेंद्र कर रहा था रैकी
धर्मेंद्र कुशवाह के परिजन और पड़ोसी भले ही उसे पाक-साफ बता रहे हैं। लेकिन गैंगस्टर हरेंद्र राणा के राइट हैंड शूटर मनीष कोली के खिलाफ गवाही देने वाले ओंकार जाट ने पुलिस के दावे को पुख्ता करते हुए बताया कि धर्मेंद्र उनकी रैकी कर रहा था। चार-पांच दिन पहले वह उनकी गली में काफी देर तक खड़ा रहा था। धर्मेंद्र लगातार उनके घर के आसपास घूम रहा था। ओंकार का कहना है कि वह उसे जानते नहीं थे इसलिए ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
एनकाउंटर के बाद जब उसका चेहरा देखा तो पहचाना कि यह तो वही व्यक्ति जो चार-पांच दिन से मेरे आसपास घूम रहा था। ओंकार बताता हैं कि हरेंद्र के राइट हैंड मनीष कोली ने उस पर दो बार हमला करके चाकू और गोली मारे। इसके बाद उसके भाई महेंद्र ने गवाही दी तो उसे गोली मार दी। इस मामले में उसे सजा न हो जाए इसलिए अब उसकी हत्या की योजना बना रहा था। एक महीने पहले उसकी योजना का पता चल गया था और इससे पुलिस अफसरों को भी अवगत कराया था।
महेंद्र को जब गोली मारी गई थी उस समय धर्मेंद्र भी मनीष के साथ था लेकिन उस समय उसकी पहचान नहीं कर पाए थे, लेकिन अब उनके पास धर्मेंद्र के खिलाफ पुख्ता सुबूत हैं और इन्हें न्यायालय में पेश करेंगे।
पुलिस का दावा गैंग्स्टर का साथी था धर्मेंद्र
हालांकि पुलिस अब भी कहती है कि धर्मेंद्र गैंग्स्टर हरेंद्र राणा का साथी था और इसके पुख्ता सुबूत उनके पास हैं और समय आने पर प्रस्तुत भी कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही धर्मेंद्र जिस व्यक्ति की रैकी कर रहा था उसने भी चर्चा में पुलिस के इस दावे की पुष्टि में स्वीकार किया है कि उसकी रैकी की जा रही थी।
शीतला माता मंदिल रोड पर सोमवार की रात को पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में पुलिस ने हजीरा के मानमंदिर टॉकीज के नजदीक रहने वाले धर्मेंद्र कुशवाह को मार गिराया था जबकि इसके दो साथी भाग निकले थे। पुलिस मुठभेड़ के बाद से ही इसे हरेंद्र राणा का साथी बता रही थी, लेकिन जब सुबह उसके परिजन को यह पता चला तो इस बात को मानने के लिए कतई तैयार नहीं हैं कि वह हरेंद्र का साथी हो सकता है ? इसके बाद से ही पुलिस की कार्रवाई का विरोध शुरू हो गया था। इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की गई थी। दिन भर धर्मेंद्र घर मोहल्ले के आसपास हजीरा पर पुलिस बल तैनाव रहा था, और पोस्टमार्टम हाउस पर हंगामा होता रहा था।