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धौलपुर महल विवाद बढा, कांग्रेस ने बताया सरकारी संपत्ति - Sabguru News
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धौलपुर महल विवाद बढा, कांग्रेस ने बताया सरकारी संपत्ति

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धौलपुर महल विवाद बढा, कांग्रेस ने बताया सरकारी संपत्ति
Dholpur Palace belongs to government, not vasundhara raje : congress
Dholpur Palace belongs to government, not vasundhara raje : congress
Dholpur Palace belongs to government, not vasundhara raje : congress

नई दिल्ली। कांग्रेस ने धौलपुर महल के बहाने अब राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,उनके सांसद बेटे दुष्यंत सिंह बहू निहारिका तथा ललित मोदी पर निशाना साधा है।

इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी आरोप लगाए है। धौलपुर महल को लेकर कांग्रेस आज भी चार दस्तावेज दिए। कांग्रेस ने कल छह दस्तावेज दिए थे। कांग्रेस ने पूरे मामले में प्रधानमंत्री के चुप्पी पर सवाल उठाए।

कांग्रेस मुख्यालय में धौलपुर महल से संबंधी चार दस्तावेज पत्रकारों के सामने प्रस्तुत करते हुए पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि जब तक इस मामले को प्रधानमंत्री ‘क्लोजर’ नहीं करते ‘डीस्क्लोरजर’ होता रहेगा।

उन्होंने कहा कि कल मैंने धौलपुर महल राजस्थान सरकार की संपति है इस संबंध में छह दस्तावेज प्रस्तुत किये थे इसके जवाब में भाजपा ने भी जयपुर में दस्तावेज पेश कर यह कहा कि यह संपति दुष्यंत सिंह का है।

लेकिन 13 अप्रैल 1949 को भारत में विलय के समय ही यह समझौता हुआ कि जब तक राजा उदयभान सिंह जीवित रहते धौलपुर महल उनके  पास रहेगी तथा इसका रखरखाव भी वही करेंगे। उनके बाद यह राजस्थान सरकार की हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि धौलपुर महल की मात्र छह सौ मीटर भूमि का अधिग्रहण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ‘एनएचएआई’ ने किया। दुष्यंत सिंह ने फर्जी ढंग से लगभग दो करोड रूपए का मुआवजा ले लिया।

इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। 10 अप्रैल 2013 का यह दस्‍तावेज दो लोगों द्वारा सीबीआई में दर्ज कराई गई एक शिकायत का है, जिसमें कहा गया है कि दुष्‍यंत सिंह इस जमीन या महल के मालिक नहीं है और इसके बावजूद उन्‍हें गैरकानूनी तरीके से मुआवजा दिया गया।

भाजपा के इस आरोप का कि महाराजा हेमंत सिंह ने यह महल अपने बेटे दुष्यंत सिंह के नाम कर दिया है। जयराम ने कहा कि 16 मई  2007 को भरतपूर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के निर्णय से स्पष्ट है कि  दोनों केे बीच इस बात को लेकर समझौता हुआ कि दुष्यंत सिंह सिर्फ चल संपति बेच सकते है। ऐसे में वह सिर्फ एक विंटेज कार ही बेच सकते थे। इस समझौते पर हेमंत सिंह और दुष्यंत के हस्ताक्षर है। इसके बाद वसुंधरा राजे की  विदाई तय है।

इससे पहले कल कांग्रेस ने वर्ष 1954, 1955, 1971, 1977, 1980 और 2010 के छह दस्‍तावेजों को सामने लाते हुए दावा किया था कि धौलपुर महल सरकार की संपत्ति था और है।

जयराम का अरोप है कि वसुंधरा ने इस महल पर जबरन कब्जा कर ललित मोदी को अय्याशों के लिए होटल खोलने के लिए दे दिया। उन्होंने कहा कि राजे के बेटे दुष्यंत की कंपनी नियंता होटल हेरिटेज प्राइवेट लिमिटेड में राजे के साथ-साथ ललित मोदी की कंपनी आनंदा का भी शेयर है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस पूरे प्रकरण पर कुभंकर्णी निदं में सो रहें है। अपने को नैतिकता के स्वयंभू मसीहा मामने वाले प्रधानमंत्री को वसुंधरा राजे को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने चाहिए।