नई दिल्लीI केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि ललित मोदी मामले में उन्होंने ब्रिटिश सरकार से कोई सिफारिश नही की है I
आज सुबह राज्यसभा शुरू होने के बाद कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने राज्यसभा में एक बार फिर सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग को लेकर शोर-शराबा शुरू कर दिया I इसके साथ ही राज्यसभा में सोमवार को ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ मुद्दे पर भी हंगामा शुरू हो गया।
केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने इस मुद्दे को सदन में उठाया। इस पर सदन में कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने पूर्व में एनडीए द्वारा किए गए हंगामे का जिक्र करते हुए कहा कि यदि ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ लागू करना है तो 2004 से इसे लागू किया जाए।
विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सुषमा स्वराज सदन में बयान देने को तैयार है, लेकिन विपक्ष अड़ा रहा I विपक्ष के हंगामे के बीच अरुण जेटली ने सुसमा स्वराज से बयान देने के लिए कहा I
इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने बयान में कहा कि वो पिछले सात दिन से लगातार सदन में बयान देने के लिए आती है, लेकिन विपक्ष कोई चर्चा करने की बजाय सिर्फ शोर-शराबा करता रहता है I
उन्होंने विपक्ष की नोटिस को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार से ललित मोदी की कोई सिफारिश नही की, इसके बाद भी उन पर आरोप लगाये जा रहे है I अभी सुषमा स्वराज का बयान खत्म भी नही हो पाया था कि विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गयी I