मुंबई। एकेडमी पुरस्कार से सम्मानित संगीतकार माइकल डाना मानते हैं कि जिस तरह भारतीय फिल्में बनती हैं उसे देखते हुए उनके व्यवसायिक तिलिस्मों से बाहर आ पाना और कुछ अलग करना अक्सर मुश्किल हो जाता है।
आंग ली की ‘लाइफ ऑफ पाई’ के लिए गोल्डन ग्लोब और वर्ष 2013 में ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित किए गए माइकल ने ‘वाटर’, ‘मानसून वेडिंग’, ‘500 डेज ऑफ समर’, ‘लिटिल मिस सनशाइन’ सहित अन्य फिल्मों का संगीत दिया है।
माइकल ने कहा कि भारत में एक तरह से व्यवसायिक सेंसरशिप है, यहां पर एक फार्मूला है जो 60 सालों से सफल रहा है या यह चल रहा है। इस संस्कृति में इसे तोड़ कर बाहर आना एक कठिन चुनौती है।
उन्होंने कहा कि अब डिजिटल स्पेस है, तो फिल्म निर्माताओं के पास अपनी फिल्में दिखाने की व्यापक गुंजाइश है और ‘विविधतापूर्ण’ सभी सामग्री बिना किसी व्यवधान के वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का रास्ता भी है।