अजमेर। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि निःशक्तजनों के प्रति आमजन सदभावी बनें तथा उन्हें सहयोग प्रदान करते हुए समाज की मुख्य धारा से जोड़ें।
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राज्यमंत्रीबुधवार को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल काॅलेज सभागार में पं. दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविर 2017 के द्वितीय चरण में आयोजित जिला स्तरीय निःशक्तता प्रमाणीकरण शिविर के शुभारंभ अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के लगभग 15 लाख निःशक्तजनों को प्रमाण पत्र एवं कृत्रिम उपकरण उपलब्ध कराने के लिए यह ऐतिहासिक कार्य किया हैं। इस प्रमाण पत्र के आधार पर निःशक्तजन केन्द्र एवं राज्य की विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में मात्रा चार लाख लोगों को पेंशन का लाभ मिल रहा है। शेष निःशक्तजनों का भी चिन्हिकरण कर उन्हें लाभान्वित करने के उद्देश्य से इन शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्य आगामी 12 दिसम्बर तक पूर्ण कर सभी को प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दिव्यांगों की श्रेणी में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम में उल्लेखित 21 प्रकार के निःशक्तताओं वाले व्यक्तियों को भी शामिल किया गया है। जिन्हें भी लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में छात्रों को चिन्हित कर यह लाभ दिया जा रहा है। लेकिन इसके अतिरिक्त भी ऐसे लोग जो लाभ नहीें उठा पा रहे है। उन्हें भी प्रमाण पत्र प्रदान कर लाभ प्रदान कराया जाएगा।
शिक्षा राज्यमंत्राी ने सभी दिव्यांगों से कहा कि वे शरीर से निःशक्त हो सकते है, लेकिन मन से सशक्त हैं। वे सब स्वाभीमानी बनकर जीएं तथा निःशक्तता से मुकाबला करें। उन्होंने अभिभावकों से भी आग्रह किया कि वे ऐसे निःशक्तजनों को मन से ढ़ाढस दिलाए तथा उन्हें आगे बढ़ने की सोच पैदा करें।
समारोह में जिला प्रमुख वंदना नोगिया ने बताया कि दिव्यांगजन को प्रमाण पत्र उपलब्ध हो जाने पर वे केन्द व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री राजे का आभार प्रकट किया तथा कहा कि उनके निर्देशन में सभी विकलांगों को योजनाओं का लाभ मिल सके। आज पूरे प्रदेश में अभियान के द्वितीय चरण का शुभारम्भ हो रहा है। सभी इसका लाभ उठाएं।
प्रारम्भ में जिला कलक्टर गौरव गोयल ने बताया कि पं.दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविर के द्वितीय चरण का आज शुभारम्भ हो रहा है जो आगामी 12 दिसम्बर तक चलेगा। इस दौरान दिव्यांगों को यूआईडी कार्ड एवं डिजीटल प्रमाण पत्र बनाकर वितरित किए जाएंगे।
अभियान के तीसरे चरण में चिन्हित व्यक्तियों को कृत्रिम उपकरण वितरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गलत सोच मन में रखने वाले व्यक्ति निःशक्त होते हैं मात्रा निःशक्तता से गलत सोच नहीं बनती। उन्होंने अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जिले में लगभग 57 हजार व्यक्ति दिव्यांगता की श्रेणी में आते है।
इनमें से 20 हजार 506 व्यक्तियों का पंजीयन हो चुका है। शेष को द्वितीय चरण में पंजीकृत कर प्रमाण पत्रा वितरित कर दिए जाएंगे। उसी के आधार पर दिव्यांगों का यूनिक कार्ड बनेगा। जिससे वे केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
डिजीटल प्रमाण पत्र वितरित समारोह में अतिथियों ने दिव्यांगों को डिजीटल प्रमाण पत्रों का वितरण किया जिसे वे अपने पास रखकर योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। प्रारम्भ में उपस्थित सभी दिव्यांगों को शिक्षा राज्यमंत्री ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।
इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलक्टर अबु सूफियान चौहान, उपखण्ड अधिकारी अंकित कुमार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. केके सोनी सहित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा विभाग, शिक्षा विभाग सहित जिला प्रशासन के अधिकारीगण, दिव्यांगजन एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे।