ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश शासन के संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने ग्वालियर में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने कार्यकाल में अवैध नियुक्तियों की बंदरबाट की।
हाईकोर्ट ने दिग्विजय सिंह की इस फर्जी नियुक्तियों पर निर्णय दिया है। न्यायालय ने 1999 की एक जनहित याचिका के लंबित प्रकरण मेें फैसला सुनाते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नोटशीट में की गयी नियुक्तियों को न केवल अवैध बल्कि अनियमित घोषित कर नियुक्ति को निरस्त करनें का आदेश दिया है।
न्यायालय के इस आदेश से दिग्विजय सिंह का फर्जीवाडा उजागर हो चुका है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह फर्जी नियुक्तियों के सरगना है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि व्यापमं मामलें में जो लोग आरोपी है उन्होनें भी दिग्विजय सिंह से गुरू ज्ञान लिया होगा। कांग्रेस ने हमेशा प्रदेश को बर्बाद किया है।
लगातार एक के बाद एक कांग्रेस नेताओं के खिलाफ जो निर्णय आ रहे है, वह कांगे्रस के पुराने काले कारनामें है। उन्होनें कहा कि दिग्विजय सिंह ने अपने कार्यकाल में अधिकारों का बेजा उपयोग किया जो कि अब एक के बाद एक जनता के सामने उजागर हो रहे है। दिग्विजय सिंह ने प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवा$ड किया है।
उन्होनें कहा कि दिग्विजय सिंह आरोप इसलिए लगाते है ताकि उनके काले कारनामें दबे रहे और जनता भ्रम के वातावरण में रहे। जब याकूब मेमन को फांसी होती है तो दिग्विजय सिंह न्यायपालिका पर उंगुली उठाते है, आतंकवादी लादेन को लादेन जी संबोधित करते है। अब दिग्विजय सिंह कहां है, उन्हें अपनी की गयी फर्जी नियुक्तियों पर जनता के सामने स्पष्टीकरण देना चाहिए।
उन्होनें कहा कि दिग्विजय सिंह असत्य के आधार पर राजनीति करते है, व्यापमं मामलें में उन्होनें हाईकोर्ट को पेन-ड्राईव और हार्डडिस्क सौंपी थी, उसे हाईकोर्ट एवं एसआईटी ने कूटरचित करार दिया। कांग्रेस के नेताओं का संविधान में विश्वास नहीं है, एसआईटी, एसटीएफ, पुलिस, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट एवं जांच एजेंसियों में भी कांग्रेस के नेता विश्वास नहीं करते।
व्यापमं मामलें में कांगे्रस सीबीआई जांच की बात करती थी, लेकिन जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वप्रेरित होकर सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट से आग्रह किया और सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच का निर्णय लिया, तब कांगे्रस नेता इससे भी संतुष्ट नहीं हुए।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी बिना तथ्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग करती है, मैं सोनियाजी से यह पूछना चाहता हूं कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह के खिलाफ सबूत है क्या वे दिग्विजय सिंह से महासचिव पद से इस्तीफा लेंगी।
दिग्विजय सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत जनता की अदालत में पेश हो चुके है। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष अभय चौधरी एवं संभागीय संवाद एवं संपर्क प्रमुख अजय अरोरा भी उपस्थित थे।