कोलकाता। भारत के साथ जारी पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन रविवार को ईडन गार्डन्स स्टेडियम में श्रीलंका के बल्लेबाज दिलरुवान परेरा की ओर से निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) की मांग विवादों मे घिर गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि परेरा ने ड्रेसिंग रूम की ओर देखने के बाद डीआरएस की मांग की।
श्रीलंका की टीम 57वें ओवर में सात विकेट के नुकसान पर 208 रन बना चुकी थी। परेरा सात गेंद खेल चुके थे और उनका खाता नहीं खुला था। अंपायर निजेल लॉन्ग ने उन्हें मोहम्मद शमी की गेंद पर पगबाधा आउट करार दिया।
परेरा आउट दिए जाने के बाद पवेलियन की तरफ मुड़े, उन्होंने ड्रेसिंग रूम की ओर देखा और वापस पलटकर डीआरएस की मांग की। इसके बाद डीआरएस से पता चला कि परेरा आउट नहीं हुए थे। विचित्र अंदाज में लिए गए डीआरएस पर कमेंटेटर ने भी टिप्पणी की।
इस घटना के तुंरत बाद ट्विटर पर परेरा के डीआरएस मांग पर चर्चा होने लगी। इसमें वीडियो को दर्शा कर दिखाया गया कि परेरा ने आईसीसी के डीआरएस नियम 3.2 (सी) का उल्लंघन किया है जिसमें कहा गया है कि डीआरएस मामले में ड्रेसिंग रूम से किसी तरह का इशारा नहीं किया जा सकता।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की ‘स्टैंडर्ड टेस्ट मैच प्लेइंग कंडीशन्स फॉर 2016-17’ के अनुसार अंपायर को अगर लगता है कि फील्डिंग कप्तान या बल्लेबाज को बाहर से किसी चीज को लेकर इशारे मिले हैं, तो वह समीक्षा की मांग को रद्द कर सकता है।
परेरा की डीआरएस मांग की घटना ने इस साल मार्च में हुई आस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ की ‘ब्रेन फेड’ की घटना को फिर से उजागर कर दिया।
भारत के खिलाफ मार्च में दूसरे टेस्ट मैच के दौरान आस्ट्रेलिया के कप्तान स्मिथ को अंपायर लॉन्ग ने आउट दे दिया था, लेकिन स्मिथ ने समीक्षा के लिए दूसरे छोर पर खड़े पीटर हैंड्सकॉम्ब से बात की और इसी दौरान ड्रेसिंग रूम की तरफ देखते हुए समीक्षा पर सलाह मांगने का प्रयास किया।
लॉन्ग ने स्मिथ को ऐसा करने रोक दिया था। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने स्मिथ से बोलकर अपना विरोध जताया था। बाद में स्मिथ ने कहा था कि उन्होंने कोई सलाह नहीं मांगी थी, बस उस समय उनके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था।
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